Worship of Maa Brahmacharini : इस बार चैत्र नवरात्रि 2 मार्च 2022 से शुरू हो गए है। हिंदूधर्म के अनुसार नवरात्रि के दिनों को बहुत शुभ माना जाता है। नवरात्रों के आने का लोग बहुत बेसब्री से इंतजार करते है। नवरात्रों के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन लोग मां की प्रतिमा को बड़े धूमधाम से अपने घर में लाते है। शुभ मुहुर्त को देखकर घर पर मां की स्थापना करते है। नवरात्रों में माँ के आने के लिए काफी समय पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाता है।
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी दुष्टों को सही रास्ता दिखाने वाली हैं। माता की पूजा अर्चना करने से आपको तप की शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य जैसे गुणों की प्राप्ति होती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से आपको अपने कार्य में सदैव विजय प्राप्त होती है। आज हम जानेगे कि मां के दूसरे सवरूप के मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, आरती, भोग और कथा कैसे करें।
मां ब्रह्मचारिणी का जन्म राजा हिमालय के घर हुआ था। नारद जी की सलाह पर उन्होंने कठोर तप किया, ताकि वे भगवान शिव को पति के स्वरूप में प्राप्त कर सकें। कठोर तप के कारण ही उनका ब्रह्मचारिणी या तपश्चारिणी नाम पड़ा। भगवान शिव की आराधना व कठोर तप से उनका शरीर क्षीण हो गया। उनका ये तप देखकर सभी देवी-देवता, ऋषि-मुनि अत्यंत प्रभावित हुए। सभी ने उन्होंने कहा कि आपके जैसा तप कोई नहीं कर सकता है। आपकी सभी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी। भगवान शिव आपको पति स्वरूप में प्राप्त होंगे।
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु|
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||
वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥
परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥
या देवी सर्वभूतेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
Worship of Maa Brahmacharini
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