India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़),Udaipur News: राजस्थान के उदयपुर हिंसा मामले में प्रशासन ने आरोपी छात्र के घर पर शनिवार को बुलडोजर चलवा दिया। लेकिन अब प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई अब सवालों के घेरे में आ गई है। आरोपी छात्र का परिवार इस घर में किराए पर रह रहा था। उदयपुर हिंसा मामले में प्रशासन के बुलडोजर एक्शन पर अब सवाल खड़े हो रहे है। प्रशासन ने आरोपी छात्र के जिस घर पर बुलडोजर चलया, वह आरोपी छात्र का था ही नही।
जबकि उस मकान में आरोपी छात्र का परिवार किराये पर रह रहा था। अब उस घर के मालिक का कहना है कि मेरा घर क्यों तोड़ा गया। मालूम हो कि उदयपुर में शुक्रवार को दसवीं के दो छात्रों के बीच हुई चाकू की घटना के बाद हिंसा हो गई थी। सड़कों पर उतरकर आक्रोशित लोगों ने जमकर आगजनी वह तोड़फोड़ किया। इस घटना के बाद उदयपुर विकास प्राधिकरण ने आरोपी छात्र के घर को अवैध बताते हुए उसपर नोटिस जारी किया था।
अगले ही दिन शनिवार को पुलिस की तैनाती में आरोपी के घर पर बुलडोजर चलवा दिया।यह कार्रवाई उदयपुर विकास प्राधिकरण की उस जांच के बाद की गई है, जिसमें आरोपी छात्र का घर अवैध तरीके से वन भूमि पर बनाए जाने का खुलासा हुआ था। इस संबंध में 24 घंटे पहले ही क्षेत्रीय वन विभाग ने नोटिस जारी किया था और परिवार को 20 तारीख तक घर को खाली करने के लिए कहा था।
शनिवार के दिन उदयपुर नगर निगम के अधिकारी शनिवार दोपहर ही अपनी पूरी टीम के साथ जेसीबी लेकर मौके पर पहुंच गए। सबसे पहले उन्होंने आरोपी छात्र के घर का बिजली कनेक्शन काट दिया। इसके बाद कम से कम समय में घर को खाली करवाया गया। अधिकारियों ने जैसे ही सुनिश्चित किया की घर में कोई नहीं है, वैसे ही दो जेसीबी ने मकान तोड़ने की कार्रवाई की।
अब प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे है। बड़ा सवाल तो यह है कि प्रशासन ने आरोपी के किराए के रह रहे घर को क्यों तोड़ा। यह सवाल उस घर के मालिक उठा रहे हैं। घर के मालिक का कहना है कि यदि मेरा घर अवैध है, यहां आस-पास स्थित दूसरे सभी पक्के घर भी अवैध है। उन घर पर यह कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
वही इस मामले में बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने भी प्रशाषन पर सवाल खड़े किए। राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- उदयपुर शहर में स्कूली बच्चों में चाकू की घटना निंदनीय है। दोषी को कानूनी जो भी सजा है वो मिलनी चाहिये, लेकिन आज बीजेपी सरकार ने नाबालिग मुल्जिम के घर पर बुलडोजर चलाकर धर्मवाद का जहर घोलने का काम किया है।
अगर राजस्थान में तलवार से गला कटेगा तो कुछ नहीं चलेगा, चाकू चली तो बुलडोजर चलेगा? गुनाह गुनाह होता है, और हर गुनाह की सजा एक होनी चाहिए। किसी की जाति-धर्म को देखकर बुलडोजर चलाना देश के भविष्य को नफरत में धकेलने का काम हो रहा है।
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