India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Sirohi News: आज लोकसभा में बोलते हुए सांसद लुंबाराम चौधरी ने कहा कि सिरोही-जालौर क्षेत्र के किसानों को डार्क जोन से मुक्ति दिलाने के लिए माही बांध का पानी उपलब्ध कराने की योजना 60 साल से कांग्रेस सरकार ने कागजों में दफन कर रखी थी, ऐसे में किसानों की उम्मीदें भी टूट गई थीं लेकिन अब मोदीजी के प्रधानमंत्री बनने के बाद किसानों को पेयजल और सिंचाई के पानी को लेकर फिर उम्मीद जगी है।
वर्ष 1966 में राजस्थान सरकार और गुजरात सरकार में हुए समझौते के अनुसार माही बांध के परियोजना का कार्य शुरू हुआ था, उस समय की खोसला कमेटी रिपोर्ट 1 सितंबर 1965 के अनुसार गुजरात राजस्थान के बीच बॉर्डर पर कडाणा बांध बनाना प्रस्तावित था। सांसद चौधरी ने कहा कि समझौते के अनुसार कडाणा और माही बांध के पानी का 2/3 भाग राजस्थान के सिरोही-जालौर जिले को और गुजरात के खेड़ा जिले को 1/3 पानी मिलना तय हुआ था। चूंकि 2005 से नर्मदा का पानी गुजरात के खेड़ा जिले को मिल रहा है, तो अब समझौते के अनुसार जालौर और सिरोही को अपने हक का पानी मिलना चाहिए।
सांसद ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों के हक का पानी कडाणा बांध से पिछले 37 वर्षों में 27 बार ओवरफ्लो होकर समुद्र में बह गया। उन्होंने जालौर-सिरोही व बाड़मेर के गांवों में पेयजल व सिंचाई के लिए माही व कडाणा का पानी प्राप्त करवाने के लिए खोसला कमेटी की रिपोर्ट में तय योजना समय पर लागू करने का आग्रह किया, ताकि पश्चिमी राजस्थान के किसान वर्ग को राहत मिल सके।
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