इंडिया न्यूज़, जयपुर।
Water Crisis : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने अप्रैल से अगस्त तक पेयजल आपूर्ति के लिए पीएचईडी (PHED) को किराए के 421 वाहन लेने एवं 2500 संविदाकर्मियों रखने की स्वीकृति दी है। उन्होंने प्रदेश में जलापूर्ति की प्रभावी व्यवस्था के लिए बजट में की गई घोषणाओंं को समयबद्ध रूप से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने यह मंजूरी दी। (Water Crisis)
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बीकानेर एवं जोधपुर के संभागीय आयुक्तों, अजमेर, दौसा, जोधपुर, सिरोही, पाली एवं जयपुर के कलेक्टर से बातचीत कर वहां पेयजल आपूर्ति के लिए किए गए उपायों तथा कंटींजेन्सी प्लान के तहत दी गई स्वीकृतियों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने नहरबन्दी से प्रभावित जिलों में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था सुचारू रखने के निर्देश दिए है। (Water Crisis)
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि मार्च माह में ही भीषण गर्मी को देखते हुए अगले तीन माह में पेयजल आपूर्ति की मांग बढ़ेगी। इसे देखते हुए जलदाय विभाग तथा सभी जिला कलेक्टर सुचारू जलापूर्ति के लिए उपलब्ध जल संसाधनों का व्यवस्थित प्रबंधन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पीएचईडी (PHED), बिजली एवं पुलिस प्रशासन सभी समन्वय के साथ कार्य करें, ताकि पेयजल आपूर्ति की समस्या गम्भीर नहीं हो एवं कानून व्यवस्था की स्थिति बनी रहे। (Water Crisis)
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि जिला कलेक्टर पेयजल व्यवस्था के लिए कंटीजेंसी प्लान के तहत आवश्यक स्वीकृतियां शीघ्रता से जारी करें और हैण्डपंप एवं नलकूप मरम्मत के कार्यों को अभियान के रूप में पूरा किया जाए। कहीं भी पेयजल संकट की स्थिति बनने पर व्यवस्थाएं सुचारू रहें, जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करें। उन्होंने पेयजल संबंधी शिकायताें की प्रभावी मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलाें में पेयजल की कमी है वहां लोगों को पेयजल आपूर्ति के बारे में अखबारों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना उपलब्ध कराई जाए। लोगों को इसके बारे में जागरूक भी किया जाए ताकि व्यवस्थाएं सुचारू रहें। नहरबन्दी के दौरान प्रभावित जिलों में पेयजल स्टोरेज की समुचित व्यवस्था रखी जाए और पानी चोरी रोकने के इंतजाम किए जाएं। (Water Crisis)
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने निर्देश दिए कि जलदाय विभाग ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में टैंकर से पेयजल आपूर्ति की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए सुदृढ़ तंत्र स्थापित करे। साथ ही, जिलों में स्थापित कंट्रोल रूम का सुचारू संचालन किया जाए तथा खण्ड, वृत्त एवं क्षेत्रीय कार्यालयों के स्तर पर भी कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं। हैल्पलाइन 181 तथा अन्य माध्यमों से प्राप्त पेयजल आपूर्ति से संबंधित शिकायतों का तत्काल प्रभाव से निस्तारण सुनिश्चित करें। जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि दूषित पेयजल की समस्या के समाधान के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। पंचायत स्तर पर पानी जांच के लिए टूल किट उपलब्ध कराए गए हैं। जयपुर के परकोटे क्षेत्र की पाईप लाइन बदलने के लिए की गई 283 करोड़ रूपये की बजट घोषणा से दूषित पेयजल की समस्या का प्रभावी समाधान हो सकेगा। (Water Crisis)
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा (Ramesh Meena) ने कहा कि टैंकरों द्वारा की जा रही पेयजल आपूर्ति का पानी शुद्ध हो यह सुनिश्चित किया जाए। ऊर्जा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी (Bhanwar Singh Bhati) ने कहा कि गर्मियों के मौसम में बिजली आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए ऊर्जा एवं पीएचईडी (PHED) विभाग के अधिकारी समन्वय के साथ कार्य करें। अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी सुधांशु पंत (Sudhanshu Pant) ने बताया कि अभी प्रदेश के 14 शहरों एवं 5 जिलों के 234 गांव-ढाणियों में पेयजल परिवहन किया जा रहा है। अप्रैल से अगस्त तक ग्रामीण क्षेत्रों में टैंकरों द्वारा पेयजल परिवहन के लिए 86.69 करोड़ तथा शहरी क्षेत्रों के लिए 29.11 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी कर दी गई। जिला कलेक्टर की अनुसंशा पर 50 लाख के आकस्मिक कार्य की स्वीकृतियां जारी की जा रही हैं। अब तक 528.91 लाख रुपये के 11 जिलाें के 98 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। (Water Crisis)
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