India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Dausa News: गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने एससी और एसटी आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में सभी वर्गों को आरक्षण दिया जा सकता है। आरक्षण को लेकर शीर्ष अदालत के फैसले पर कई लोगों ने आपत्ति जताई थी। अब राजस्थान के दौसा से सांसद मुराली लाल मीना ने कहा कि मैं आरक्षण के बंटवारे के फैसले से सहमत नहीं हूं। इसका नुकसान पूरे समाज को उठाना पड़ेगा।
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दौसा सांसद मुरारी लाल मीना ने शीर्ष अदालत के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मेरा व्यक्तिगत मानना है कि आरक्षण को बांटने का सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला लिया है, वह सही नहीं है। इसमें सरकार ने आरक्षण की सही तरीके से पैरवी नहीं की है, जिसके कारण पूरे समाज को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। दौसा सांसद ने आगे कहा कि एसटी को आरक्षण उसकी जाति की वजह से नहीं, बल्कि उसके सामाजिक परिवेश और उसकी संस्कृति की वजह से मिला है। एसटी और एससी दोनों के लिए आरक्षण के मापदंड अलग-अलग हैं।
एसटी का आरक्षण अलग-अलग सामाजिक मापदंडों के कारण मिला-जुला है। मुरली लाल मीना ने कहा कि ऐसा लगता है कि एसटी-एससी का आरक्षण खत्म कर ईडब्ल्यूएस और ओबीसी को आरक्षण देने की इच्छा है। सांसद ने आगे कहा कि आज देश में आरक्षित श्रेणियों की संख्या करीब 25 प्रतिशत है और सरकारी नौकरियों में करीब 15 प्रतिशत पद ही भरे हुए हैं। मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति भी मेरी उस बात के पक्ष में हैं जो मैंने 8 दिन पहले कही थी कि जैसे सिविल सेवा परीक्षाएं होती हैं, वैसे ही न्यायिक सेवाओं में भी परीक्षाएं लागू होनी चाहिए।
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