India News RJ ( इंडिया न्यूज ),jaipur News : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में सीएजी ने कहा कि राज्य की गहलोत सरकार को इस वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार से कम सहायता मिली।
केंद्र से कम सहायता रिपोर्ट के अनुसार, गहलोत के कार्यकाल में केंद्र सरकार ने राज्य को वर्ष 2022-23 में 29,846 करोड़ रुपये की सहायता दी। जो वर्ष 2021-22 में प्राप्त 36,326 करोड़ रुपये से 6,480 करोड़ रुपये कम थी। केंद्र सरकार राज्य सरकार को पूरा पैसा नहीं दे रही है। इस तरह के आरोप भी अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल में लगातार लगाए थे।
सीएजी रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में गहलोत सरकार राजकोषीय घाटे को तीन फीसदी की सीमा में नहीं रख सकी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एफआरबीएम एक्ट में कहा गया है कि सरकारों को राजकोषीय घाटे को जीएसडीपी के तीन प्रतिशत की सीमा के भीतर रखना होगा।
हालांकि, इस वित्तीय वर्ष में गहलोत सरकार का राजकोषीय घाटा 51,028 करोड़ था। जो जीएसडीपी का 3.61 प्रतिशत है। हालांकि, कोरोना के कारण केंद्र सरकार ने राज्यों को राजकोषीय घाटे की सीमा में छूट दी थी। ऐसे में यह केंद्र सरकार द्वारा दी गई समग्र राजकोषीय सीमा के भीतर था।
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