India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), International Anti-Drug Day 2024: राजस्थान में नशा करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो एक बड़ी चिंता का विषय है। इस समस्या के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और अवैध तस्करी को रोकने के लिए हर साल 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाया जाता है।
भारत में बड़ी संख्या में युवा नशे की गिरफ्त में हैं। सरकारी रिपोर्टों के मुताबिक, देश में नशा करने वालों की संख्या 40 करोड़ से अधिक हो चुकी है। देश की 10 से 75 साल की आबादी में करीब 20 प्रतिशत लोग किसी न किसी तरह के नशे के आदी हैं। इनमें महिलाओं की संख्या भी काफी है और कम उम्र के बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।
नशे का बढ़ता प्रचलन चिंता का विषय है। राजस्थान भी इस मामले में अन्य राज्यों से पीछे नहीं है। नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और इसके दुरुपयोग और अवैध तस्करी को रोकने के लिए हर साल 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य नशे के विनाशकारी परिणामों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, जिससे शारीरिक और मानसिक नुकसान, ओवरडोज से होने वाली मौतें और सामाजिक समस्याएं कम हो सकें।
सरकारी रिपोर्टों के अनुसार, 10 से 17 साल की उम्र के बच्चों में अफीम, सेडेटिव्स और इनहेलेंट्स का चलन बढ़ रहा है। जयपुर के मनोचिकित्सक डॉ. धर्मदीप सिंह ने बताया कि तनाव के कारण कई बार युवा और बच्चे खुद से दवाइयों का उपयोग करने लगते हैं, जिससे उन्हें लत लग जाती है। इसके अलावा, आसपास के माहौल, पारिवारिक इतिहास या मनोवैज्ञानिक कारणों से भी लोग नशे की तरफ बढ़ने लगते हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि रोजाना उनके पास नशा छुड़ाने के लिए करीब 60 से 70 लोग आ रहे हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
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