महिलाओं में जन्म से ही होती हैं ये 4 बुरी आदतें,चाणक्य ने बताया है

आचार्य चाणक्य के अनुसार, महिलाओं में कुछ बुरी आदतें जन्म से ही होती हैं, ये आदतें महिलाओं के स्वभाव को और भी कुटिल बना देती हैं

चाणक्य नीति के अनुसार… अनृतं साहसं माया मूर्खत्वमतिलोभिता। अशौचत्वं निर्दयत्वं स्त्रीणां दोषा: स्वभावजा:।।

इस श्लोक का अर्थ है, जरूरत से ज्यादा साहस, छल करना यानी धोखा देना, बेवकूफी भरे काम करना, अपवित्रता से रहना और निर्दयता ये औरतों के कुछ नैसर्गिक दुर्गुण है

आचार्य चाणक्य के अनुसार, महिलाओं में साहस कूट-कूट कर भरा होता है, कईं बार यही साहस परेशानी का कारण भी बन जाता है,महिलाओं का अवगुण बहुत खतरनाक होता है।

पुरुषों के साथ छल करना यानी धोखा देना, ये भी महिलाओं का ही स्वभावगत दोष होता है, महिलाएं अपने निजी स्वार्थ के लिए कभी भी किसी के साथ छल करने से नहीं चूकतीं

मूर्खतापूर्ण काम करना और निर्णय लेना, ये अवगुण भी महिलाओं में जन्म से ही होता है, कईं बाई अपनी इन्हीं मूर्खतापूर्ण हरकतों के कारण इन्हें परेशानी का सामना भी करना पड़ता है

महिलाएं अक्सर अपवित्रता से रहती हैं यानी उन्हें साफ-सफाई का इतना भान नहीं होता। घर में भी वे साफ-सफाई का अभाव ही रखती हैं। महिलाओं में ये अवगुण जन्म से ही होता है