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Hanuman Jayanti 2022 : हनुमान जयंती कब है? जानिए तिथि, पूजा मुहूर्त और जन्म कथा

• LAST UPDATED : March 23, 2022

Hanuman Jayanti 2022

Hanuman Jayanti 2022 : हिन्दू पंचांग के अनुसार संकटमोचन राम भक्त हनुमान का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। रुद्रावतार हनुमान जी का जन्म रामावतार के समय भगवान विष्णु की सहायता के लिए हुआ था। सीता की खोज, रावण के युद्ध, लंका विजय में हनुमान जी ने अपने भगवान श्रीराम की पूरी मदद की। उनके जन्म का उद्देश्य राम भक्ति थी। हनुमान जी के जन्मदिन को हनुमंत जयंती, हनुमान व्रतम आदि नामों से भी जाना जाता है।

हनुमान जयंती की तिथियां अलग-अलग हैं, इस आधार पर हनुमान जयंती पूरे वर्ष अलग-अलग तिथियों में मनाई जाती है, लेकिन चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती के लिए अत्यधिक मान्यता प्राप्त है। आइए जानते हैं हनुमान जयंती कब है, पूजा का समय और क्या है हनुमान जी की जन्म कथा।

हनुमान जयंती 2022 ति​थि एवं मुहूर्त

Hanuman Jayanti

Hanuman Jayanti

पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि 16 अप्रैल दिन शनिवार को तड़के 02 अजकर 25 मिनट पर शुरु हो रही है। पूर्णिमा तिथि का समापन उसी दिन देर रात 12 बजकर 24 मिनट पर हो रहा है। सूर्योदय के समय पूर्णिमा तिथि 16 अप्रैल को प्राप्त हो रहा है, ऐसे में हनुमान जयंती 16 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन ही व्रत रखा जाएगा और हनुमान जी का जन्म उत्सव मनाया जाएगा। (Hanuman Jayanti 2022)

इस बार की हनुमान जयंती रवि योग, हस्त एवं चित्रा नक्षत्र में है। 16 अप्रैल को हस्त नक्षत्र सुबह 08:40 बजे तक है, उसके बाद से चित्रा नक्षत्र शुरु होगा। इस दिन रवि योग प्रात: 05:55 बजे से शुरु हो रहा है और इसका समापन 08:40 बजे हो रहा है।

​हनुमान जन्म कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, अयोध्या नरेश राजा दशरथ जी ने जब पुत्रेष्टि हवन कराया था, तब उन्होंने प्रसाद स्वरूप खीर अपनी तीनों रानियों को खिलाया था। उस खीर का एक अंश एक कौआ लेकर उड़ गया और वहां पर पहुंचा, जहां माता अंजना शिव तपस्या में लीन थीं। (Hanuman Jayanti 2022)

मां अंजना को जब वह खीर प्राप्त हुई तो उन्होंने उसे शिवजी के प्रसाद स्वरुप ग्रहण कर लिया। इस घटना में भगवान शिव और पवन देव का योगदान था। उस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद हनुमान जी का जन्म हुआ। हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रुद्रवतार हैं।

माता अंजना के कारण हनुमान जी को आंजनेय, पिता वानरराज केसरी के कारण केसरीनंदन और पवन देव के सहयोग के कारण पवनपुत्र आदि नामों से भी जाना जाता है।

Hanuman Jayanti 2022

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