Sheetla Ashtami 2022 : शीतला अष्टमी के त्यौहार का राजस्थान में खासा महत्सव है। इस दिन मां शीतला माता की पूजा की जाती है और बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। मां को भोग लगाने के बाद लोग भी बासी भोजन ही खाते है। इस दिन घर पर चूल्हा नहीं जलता है और ठंडा खाना ही खाया जाता है। (Sheetla Ashtami 2022)
मां शीतला माता का वर्णन स्कंद पुराण में मिलता है जिसमें उन्हें चेचक, खसरा जैसे रोगों से बचाने वाली देवी के रूप में बताया गया है। खासतौर पर बच्चों के लिए ये व्रत और पूजा उनकी मां करती हैं। ताकि इन बीमारियों से बच्चों का बचाव हो सके और घर में खुशियां और धन धान्य बना रहे। सप्तमी की रात में ही शीतला माता के भोग के लिए हलवा और पूड़ी तैयार कर लिया जाता है। अष्टमी के दिन ये प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है। कुछ जगहों पर गन्ने के रस में पकी हुई रसखीर का भोग लगाया जाता है। इसे भी एक रात पहले ही तैयार कर लिया जाता है। (Sheetla Ashtami 2022)
इस दिन व्रत करने वाले को सुबह नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्वच्छ और शीतल जल से स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद ‘मम गेहे शीतलारोगजनितोपद्रव प्रशमन पूर्वकायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धिये शीतलाष्टमी व्रतं करिष्ये’ मंत्र से संकल्प लेना चाहिए। संकल्प लेने के बाद विधि-विधान से गंध व पुष्प आदि से मां शीतला की पूजा करनी चाहिए। पूजा करने के बाद एक दिन पहले बनाए हुए (बासी) खाना, मेवे, मिठाई, पूआ, पूरी आदि का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद शीतला स्तोत्र का पाठ करें और यदि यह उपलब्ध न हो तो शीतला अष्टमी की कथा सुनें । रात में मां का जगराता करें और दीपमाला जलाएं। (Sheetla Ashtami 2022)
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