ड्राइविंग लाइसेंस के लिए यहां सख़्त हुआ नियम, अब ये काम जरूरी
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ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए अब आवेदकों को और भी ज्यादा चुनौतियों का सामना करना होगा. अब उन्हें रियल वर्ल्ड ड्राइविंग टेस्ट देना होगा.
केरल मोटर वाहन विभाग (MVD) ने ड्राइविंग टेस्ट के नियमों में कई बड़े बदलाव किए हैं. यहां तक कि आवेदकों को अब रियल लाइफ ड्राइविंग टेस्ट देना होगा.
यानी कि बिजी ट्रैफिक के बीच वाहन चलाकर अपनी ड्राइविंग स्किल को साबित करना होगा. इसके अलावा टेस्ट नियमों में कुछ और भी बदलाव किए गए हैं.
केरल मोटर वाहन विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया. जिसके अनुसार, ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों को अब वास्तविक तौर पर बिजी सड़क पर ड्राइविंग टेस्ट देना अनिवार्य होगा.
इसके अलावा विभाग ने एंगुलर पार्किंग, पैरेलल पार्किंग, ज़िग-जैग ड्राइविंग जैसे कई टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है.
इस सर्कुलर में 'H' टेस्ट करने से पहले आवेदकों को ग्रेडिएंट टेस्ट से गुजरना होगा. बता दें कि, यह नियम नए ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों या फिर रेन्यू करवाने वाले दोनों लोगों के लिए लागू होगा.
नए नियमों में यह प्रावधान जोड़ा गया है कि 15 वर्ष से ज्यादा पुरानी किसी भी कार का उपयोग ड्राइविंग टेस्ट के लिए नहीं किया जाएगा.
टेस्ट के दौरान दोपहिया वाहन सेग्मेंट में केवल 95 सीसी या इससे ज्यादा इंजन क्षमता वाले वाहन ही शामिल होंगे. इसमें इलेक्ट्रिक और ऑटोमेटिक कारों को शामिल नहीं किया जाएगा.
इस नए नियम के अनुसार, टेस्टिंग वाहनों में डैशबोर्ड कैमरा और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (GPS) को इंस्टॉल करवाना अनिवार्य होगा.
मौके पर मौजूद ड्राइविंग इंस्ट्रक्टर को ड्राइविंग टेस्ट को रिकॉर्ड करना होगा, जिसके लिए उन्हें अपने पास एक मेमोरी कॉर्ड भी रखना होगा.
इस रिकॉर्डिंग को MVD सिस्टम में ट्रांसफर किया जाएगा