यहां परिवार में मौत के बाद उसके शव को चील-कौवे को खिला देते हैं लोग
अपने जीवन काल में कभी न कभी हर किसी को मृतक संस्कार देखना पड़ता है, लेकिन अगर आपने तिब्बत के मृतक संस्कार को देख लिया तो आपकी रुह कांप जाएगी
दरअसल, बौद्ध धर्म का पालन करने वाले यहां के लोगों का मत है कि मृत्यु के बाद व्यक्ति का शरीर किसी काम का नहीं रहता
इनका मानना है शरीर एक बर्तन की तरह है और जब इस शरीर से आत्मा चली जाती है तो यह बर्तन खराब हो जाता है, फिर खराब बर्तन का मोह क्या!
इसलिए बेहतर है कि इसे जानवरों का भोजन बनाकर दयालुता का धर्म निभाया जा सके
इसलिए यहाँ मरने के बाद मृतक के शरीर को एक पहाड़ी पर ले जाया जाता है, जहाँ धूप-दीप से शरीर की पूजा की जाती है इसके बाद शरीर के कई टुकड़े कर दिए जाते हैं
फिर इन टुकड़ों को चील कौओं को खाने के लिए छोड़ दिया जाता है, इनका यह भी कहना है कि चील कौओं के खाने से मृतक व्यक्ति के पाप कम हो जाते हैं