India News (इंडिया न्यूज़), Women Health Care Tips: पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), जटिल मिनोपोस और गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक वजन बढ़ने से जुड़े हार्मोनल असंतुलन वाली महिलाओं में हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल के ऊंचे स्तर के साथ मोटापा विकसित होने की संभावना होती है। ये सेल मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक अध्ययन के निष्कर्ष हैं, जो एक महिला के प्रजनन काल में इन मार्करों की जांच की वकालत करता है। हार्मोनल असंतुलन को संबोधित करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसे प्रारंभिक जीवन शैली में सुधार और दवा के साथ आसानी से किया जा सकता है।
PCOS से पीड़ित महिलाओं में टाइप 2 मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल विकसित होने का खतरा अधिक होता है। ऐसा हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है। पीसीओएस में, महिलाओं में पुरुष हार्मोन (एंड्रोजन) का स्तर सामान्य से अधिक होता है, जो ओव्यूलेशन में बाधा डाल सकता है, मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है और ग्लूकोज और इंसुलिन चयापचय को बाधित कर सकता है। ये मधुमेह को ट्रिगर कर सकता है।
पीरियड के शुरुआती वर्षों में अनियमित, हार्मोन के उतार-चढ़ाव और असंतुलन से गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक वजन बढ़ सकता है जो बाद के वर्षों में भी बना रह सकता है, खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। इसीलिए प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं वाली महिलाओं के लिए इंसुलिन प्रतिरोध और सूजन पर जल्दी ध्यान देना महत्वपूर्ण है ताकि वे बाद में पुरानी मधुमेह और हृदय रोगों से बच सकें।
सीड साइकलिंग में आपको अलसी, सूरजमुखी के बीज और फिर तील के बीजों को अपनी डाइट में शामिल करना होता है। इसके अलावा आप चिया सीड्स को भी इसमें शामिल कर सकते हैं। सीड साइकलिंग में आप हर दिन बदल बदलकर बीजों को भिगोकर इसे सुबह खाली पेट लें ऐसा करना हार्मोनल हेल्थ में सुधार लाता है।
हाई फाइबर फूड्स में मोटे अनाज जिनमें ज्वार और बाजरा आते हैं। इन्हें खाने से पीसीओएस की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा फाइबर से भरपूर ब्रोकली और केला खाना भी पीसीओएस की समस्या को कम करने में मददगार साबित हो सकती है।
अजवाइन का पानी PCOS क्में इलाज में काफी हेल्प करता है। ये आपकी पाचन गति को तेज करता है। इसके साथ ही ये आपके स्ट्रेस को कम करके हार्मोनल हेल्थ तो बेहतर बनाता है। ये एंटी इंफ्लेमेटरी भी है जो कि PCOS में मददगार साबित हो सकता है।
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