India News (इंडिया न्यूज़), Melting Tibetan Glaciers: तिब्बत से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल तिब्बत में कई ऐसे ग्लेशियर हैं, जो धीरे-धीरे पिघल रहे हैं। यहां पर 15 साल पुराना वायरस मिला है। बताया जा रहा है कि ये वायरस भारत, चीन और म्यांमार जैसे देशों के लिए मुसिबत बन सकता है। ये एक ऐसा वायरस बताया जा रहा है जिसका कोई इलाज नहीं है। जोकि एक प्राचीन वायरस है ।
पूरे दुनिया भर में पर्माफ्रॉस्ट पिघल रहे है। प्राचीन जीव, वायरस, बैक्टीरिया जैसी चीजें इसमे से निकल रही है। इसने सभी को हैरान कर दिया है। ग्लेशियरों और पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने वूली राइनो से लेकर 40 हजार साल पुराने विशालकाय भेड़िये और 7.50 लाख साल पुराने बैक्टीरिया इसमे से निकल रहे है ।
बता दें कि हाल ही में वैज्ञानिकों ने तिब्बत के पठारों पर मौजूद गुलिया आइस कैप के पास से 15 हजार साल पुराना वायरस खोज कर निकाला है। जिसमे कई प्रजातियां है। जोकि दर्जनों की संख्या में है। ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजिस्ट झी-पिंग झॉन्ग का कहना है कि, इससे इंसानों को खतरा हो सकता है। आगे चलकर ये वायरस लोगों के लिए खतरा बन सकता है। वायरस समुद्री सतह से 22 हजार फीट नीचे मिला है। जिसे चीन में तिब्बत के पिघलते ग्लेशियर के नीचे से निकाला गया है।
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