India News (इंडिया न्यूज़), Shanidev: शनिवार के दिन शनिवेद की पूजा की जाती है। शनिवेद को कर्मफलदाता भी कहा जाता है। शनिवेद व्यक्ति को कर्मों के अनुरूप फल देते है। शनिदेव का स्वभाव काफी क्रूर दिखाया जाता है। उनका रंग भी काला बताया जाता है। इसके पीछे भी एक कहानी है। अक्सर आपने भी देखा होगा। शनिवेद के मंदिर में उनकी मूर्ती काले रंग की ही दिखाई जाती है। चलिए जानते है आखिर क्यों है शनिदेव काले।
सूर्य देव को इस बात का पता नहीं था। जिस समय छाया गर्भवती थी उस समय वह भगवान शिव की कठोर तपस्या में लीन थी तो वह खुद का ठीक से ख्याल नहीं रख पाई। जिस वजह से शनिदेव काले और कुपोषित पैदा हुए। शनिदेव का रंग देखने के बाद सूर्य देव ने शनि को अपना पुत्र मानने से इंकार कर दिया
शनिदेव के माता पिता सूर्य देव और छाया है । सूर्य देव के पुत्र ही शनिदेव है। जिस समय छाया गर्भवती थी उस समय वह भगवान शिव की कठोर तपस्या में खोई हुई थी। जिसके कारण वो खुद का ध्यान नहीं रख पाती थी। जिस वजह से शनिदेव काले पैदा हुए। शनिदेव को काफी शक्तिशाली ग्रह माना जाता है। मंदिरों में भी शनिदेव की मूर्ती काली रखी जाती है। शनिदेव का रंगं भी काला है। उन्हें काला रंग पसंद है।
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