India News(इंडिया न्यूज़) Indian Navy: भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो ने शुक्रवार को सोमालिया के तट के पास अरब सागर में फंसे जहाज एमवी लीला नोरफोक को मुक्त करा लिया। इस जहाज पर 21 लोग सवार थे। इसमें 15 भारतीय सवार थे। मार्कोस कमांडो ने सभी की जान बचाई। सभी 21 सदस्यों को समुद्री डाकुओं के चंगुल से सुरक्षित बचा लिया गया। लाइबेरिया का ध्वज वाला जहाज़ ब्राज़ील से बहरीन जा रहा था।
आपको बता दें कि गुरुवार 4 जनवरी को जहाज के अगवा की खबर सामने आई थी। लाइबेरिया के झंडे वाला यह जहाज़ ब्राज़ील से बहरीन जा रहा था। जहाज के अगवा की खबर सबसे पहले यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस पोर्टल (यूकेएमटीओ) को भेजी गई। बताया गया कि जहाज पर पांच से छह हथियारबंद लोग सवार हुए थे। इसके बाद ये खबर दोबारा भारतीय नौसेना को दी गई।
जैसे ही ये खबर भारतीय नौसेना को मिली। इस पर भारतीय नौसेना ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। जहाज की सहायता के लिए युद्धपोत आईएनएस चेन्नई, समुद्री गश्ती विमान पी-8आई और लंबी दूरी के प्रीडेटर एमक्यू9बी ड्रोन तैनात किए गए थे। आईएनएस चेन्नई ने 5 जनवरी को दोपहर 3:15 बजे इस जहाज को रोका था। आईएनएस चेन्नई पर तैनात मार्कोस कमांडो ने जहाज की जांच शुरू कर दी।
लेकिन जांच के दौरान जहाज पर कोई नहीं मिला। भारतीय नौसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी दी। भारतीय नौसेना ने कहा कि मरीन कमांडो ने 15 भारतीयों समेत सभी 21 सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया। जहाज की तलाशी के दौरान कोई नहीं मिला। ऐसा लगता है कि भारतीय नौसेना की चेतावनी के बाद समुद्री लुटेरों ने अपना इरादा बदल लिया है। भारतीय नौसेना ने तीन वीडियो जारी किए हैं कि कैसे मार्कोस कमांडो ने इस जहाज को समुद्री डाकुओं के चंगुल से बचाया।
मार्कोस कमांडो का गठन 1987 में हुआ था। पहले मार्कोस कमांडो को इंडियन मैरीटाइम स्पेशल फोर्स के नाम से जाना जाता था। तब इन्हें मैरीटाइम कमांडो फोर्स के नाम से जाना जाने लगा। इन्हें नौसेना अभियानों और समुद्री डकैती विरोधी अभियानों में इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया था। इनकी गिनती न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया की सबसे ताकतवर और खतरनाक ताकतों में होती है। मार्कोस कमांडो पानी के अंदर बड़े ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं। भारत में 1100 से ज्यादा मार्कोस कमांडो हैं।