India News(इंडिया न्यूज़), Mahua Moitra: महुआ मोइत्रा अपने पहले भाषण से काफी लोकप्रिय हो गई थी। तृणमूल कांग्रेस की सासंद महुआ मोइत्रा द्वारा भारतीय राजनीति में बीतोकुछ दिनों अपनी एक अलग पहचान बनाई गई। राजनीति का हिस्सा बनने से पहले वे एक निवेश बैंकर थी। वे अमरिकी निवेश बैंक JP मॉर्गन की कर्मचारी थी। परंतु 2009 में वे लंदन में कर रही अपनी नौकरी छोड़ भारत लौट आई। जिसके बाद उन्होंने राजनीति को ज्वॉइन किया।
महुआ मोइत्रा वेस्ट बंगाल की सांसद है जिन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत के समय पश्चिम बंगाल कांग्रेस के साथ की थी।
महुआ मोइत्रा से जुड़े विवाद
- महुआ मोइत्रा अकसर विवादों से घिरी रही है। एक बार वे तृणमूल कांग्रेस के कई सांसद द्वारा असम के किसी सम्मेलन में भाग लिया गया था। तब वे सब दो दिवसीय यात्रा पर गए थे। वहां पुलिस द्वारा उन्हें जबरन रोका गया और फिर उन्हें मारा भी गया। असल में, असम की पुलिस ने महुआ के द्वारा “हमला किया गया” है इस बात का दावा किया है। वहां की कांग्रेस द्वारा ये दावा करते हुए कहा गया कि उनके सदसस्यों को एयरपोर्ट पर “मारा गया” था। असम के बीजेपी का कहना है कांग्रेस के नेता को सिलचर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था, क्योंकि अधिकारियों को यह डर था कि उनके आगमन से जनता के बीच विभाजन पैदा होगा।
- मोइत्रा अपनी कुछ विवादित टिप्पणियों के लिए भी कई बार टारगेट में आई है। उन पर ये आरोप भी लगा था की संसद में धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान मोइत्रा द्वारा आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। जिसके बाद लोकसभा में काफी हंगामा हुआ।
- बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा टीएमसी के महुआ मुद्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक व्यापारी से रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया गया था। मोइत्रा द्वारा ऐसे दावों से इनकार किया गया एवं दुबे तथा सुप्रीम कोर्ट के एक वकील पर मुकदमा दायर भी किया गया। टीएमसी सांसद का कहना था कि जब भी उन्हें बुलाया जाएगा तो वह सीबीआई और एथिक्स कमेटी के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार रहेंगे।
- मोइत्रआ और जय आनंत देहद्रई के बीच एक विवाद सामने आया था। जिसमें उनके पारिवारिक मामले पर जनसामान्य की नज़रें टिकी थी। मोइत्रा द्वारा अपने खिलाफ मानहानिकारक आरोप लगाने के लिए दुबे देहद्रई और कई मीडिया संगठनों को कानूनी नोटिस भेजा गया था।
- मोइत्रा के चार्ज पर “कैश फॉर क्वेरी” विवाद द्वारा केंद्रीय मंत्री राजेश चंद्रशेखर को टिप्पणी करने पर मजबूत किया गया। जिससे इस मुद्दे के चर्चाओं को और बढ़ावा दिया जा सके।
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