India News(इंडिया न्यूज़), Cash For Query: लोकसभा सवाल पूछने के बदले में कैश-गिफ्ट लेने के मामले पर आज संसदीय आचार समिति के रिपोर्ट पर संसद की मोहर लग गई है। स्पेशल को लोकसभा में शुक्रवार को ध्वनि मत ध्वनि मत के बाद लिया गया था। काश गिफ्ट के बदले में सवाल पूछने कैसे पूरे मामले में महुआ मोइत्रा को सांसद पद से मुंह मोड़ना पड़ा। दरअसल टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी से लेकर सोनिया गांधी तक उनके साथ खड़ी थी परंतु 17th व लोक सभा का वर्तमान काल में पूरा न कर पाई।
12 अक्टूबर 1974 को महुआ मोइत्रा का जन्म असम के कछार जिले के लाभ बाग में दीपेंद्र लाल मुद्रा के घर में हुआ था। महुआ मोइत्रा ने अपनी आरंभिक पढ़ाई कोलकाता के गोखले मेमोरियल गर्ल्स स्कूल से की थी। 1998 में उन्होंने यूएसए के मैसाचुसेट्स की माउंट होलोके कॉलेज साउथ हेडली अर्थशास्त्र और गणित में स्नातक का पद प्राप्त किया था। मोहित राज द्वारा न्यूयॉर्क शहर और लंदन में जेपी मॉर्गन के के लिए एक निवेश बैंकर के पोस्ट पर भी काम किया गया था।
परंतु विदेश के कॉरपोरेट वर्ल्ड का ये अहम पद छोड़कर उन्होंने साल 2009 में राजनीति को चुना। सबसे पहले वे यूथ कांग्रेस में शामिल हुई और राहुल गांधी के साथ मिलकर उन्होंने पहुत से काम किया। इसके बाद 2010 में तृणमूल कांग्रेस को ज्वाइन किया। सांसद बनने से पहले उन्होंने विधायक के रूप में कई अहम जिम्मेदारियां निभाई। जब 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी द्वारा उन्हें नादिया के करीमपुर से उम्मीदवार बनाया गया था। तब भी महुआ द्वारा पार्टी नेता को निराश नहीं किया गया था। इसके बाद उन्होंने साल 2019 में कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव जीते और सांसद बनी।
साल 2019 में हुए चुनावी हलफनामे के मुताबिक वे एक करोड़पति है। हलफनामे के समय उनकी कुल संपत्ति 2 करोड़ 64 लाख 95 हजार 250 रुपए की थी। जिसमें 44 हजार 764 रुपए चुनाव खर्च के लिए एक सरकारी बैंक की कृष्णानगर शाखा में रखे गए थे।
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