इंडिया न्यूज़, जयपुर।
Chief Minister’s Free Testing Scheme: राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना (Chief Minister’s Free Testing Scheme) के अंतर्गत तैनात लैब टेक्नीशियन (Lab Technician) के पद पर तैनात संविदा कर्मियों को हटाने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित अन्य से जवाब तलब किया है। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह (Justice Inderjit Singh) की एकलपीठ ने यह आदेश पूरण लाल माली व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। (Chief Minister’s Free Testing Scheme)
याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया (Sunil Kumar Singodia) ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं को सीएम निशुल्क जांच योजना (Chief Minister’s Free Testing Scheme) के तहत अप्रैल 2016 में नियुक्ति दी गई थीं। याचिकाकर्ता का वेतन भी इस योजना के लिए स्वीकृत बजट से ही दिया जा रहा था। इसके अलावा सेवा के दौरान विभाग की विभिन्न स्कीमों के साथ ही याचिकाकर्ताओं को कोविड संक्रमण के दौरान भी काम कराया गया। याचिका में कहा गया कि विभाग की ओर से इन पदों पर नियमित कार्मिकों की नियुक्ति के कारण गत दो फरवरी को याचिकाकर्ताओं की सेवा समाप्त कर दी गई है। (Chief Minister’s Free Testing Scheme)
मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना (Chief Minister’s Free Testing Scheme) एक अलग योजना है और उसका बजट अलग से स्वीकृत किया जाता है। इस योजना में कार्यरत कार्मिकों की सेवा समाप्ति सिर्फ एग्रीमेंट (Agreement) की शर्तों का उल्लंघन करने पर ही की जा सकती है। एग्रीमेंट (Agreement) की शर्तों के अनुसार याचिकाकर्ताओं की सेवा समाप्ति एक माह का नोटिस (Notice) या नोटिस (Notice) के बदले वेतन दिए बिना नहीं की जा सकती है। इसलिए याचिकाकर्ताओं की सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है। (Chief Minister’s Free Testing Scheme)
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