India News (इंडिया न्यूज़), Udaipur News: राजस्थान में बांसवाड़ा की अदालत ने बीजेपी सरकार में चिकित्सा राज्यमंत्री रहे भवानी जोशी को 15 साल पुराने मामले में बरी कर दिया। यह मामला सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति की चोरी को लेकर है। साल 2008 में बांसवाड़ा शहर के गोपीराम अग्रवाल ने भवानी जोशी के विरूध मामला दर्ज कराया था। आरोप था कि उन्होने सरदार वल्लभ भाई पटेल की आकर्षक काले रंग के ग्रेनाइट से बनी मूर्ति उठाकर उसकी जगह हूबहू ऐसी प्रतिमा रख दी गई, जिसकी क्वालिटी घटिया थी।
आपको बता दें कि भवानी जोशी पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 29 नवंबर 2008 की सुबह राजस्थान में बांसवाड़ा के जवाहर पुल के निकट प्रस्तावित उद्यान से सरदार वल्लभ भाई पटेल की आकर्षक काले रंग के ग्रेनाइट से बनी मूर्ति उठाकर कुशलबाग पैलेस ले गए। उसी शाम करीब पांच बजे उसके जगह पर हूबहू ऐसी प्रतिमा रख दी गई, जिसकी क्वालिटी घटिया थी। इस मामले में पूरे 15 साल बाद अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने शनिवार यानी 26 अक्टूबर को भवानी जोशी को चोरी के आरोप से बरी कर दिया। बता दें कि अदालत ने आईपीसी की धारा 448 के तहत संदेह का लाभ देते हुए उन्हें बरी किया गया है।
इस मामले में पूर्व मंत्री भवानी जोशी का कहना है कि देर से ही सही, लेकिन सच्चाई सामने तो आई। यह पहला मामला नहीं था, जब गोपीराम अग्रवाल ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज कराया हो, बता दें कि उनपर एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज कराए थे, लेकिन वह सभी में बरी कर दिए गए। लेकिन यह उनके खिलाफ आखिरी मामला था, जो अदालत में विचाराधीन था और अब इस आखिरी मामले में भी उन्हे बरी कर दिया गया। आपको बता दें कि यह मामला तब का है जब राज्य में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी।