India News (इंडिया न्यूज़) Rajasthan Election: 23 फरवरी 1952 के दिन राजस्थान में पहली बार विधानसभा चुनाव हुआ था। उस दौरान 160 सीटों पर चुनाव कराया था, जिसमें कांग्रेस पार्टी से 82 विधायक विधानसभा पहुंचे थे। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल किया था। इसके साथ ही राजस्थान में टीकाराम पालीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया। लेकिन टीकाराम पालीवाल के कार्यकाल में दो बार मुख्यमंत्री बदले गए। बता दें कि टीकाराम के बाद जय नारायण व्यास और फिर एमएल सुखाड़िया मुख्यमंत्री बने थे।
राजस्थान में सीटों का विस्तार
राजस्थान में पहली बार चुनाव 29 फरवरी 1952 को हुआ था। इस चुनाव में कांग्रस पार्टी ने जीत हासिल किया था। फिर वर्ष 1957 में 160 विधानसभा सीटों को बढ़ाकर 176 कर दिया गया। ठीक दस साल बाद फिर सीटों का विस्तार किया गया। साथ ही सीटों की संख्या बढ़ाकर 184 कर दी गई। कुछ वर्षों के बाद 184 सीटों को बढ़ाकर राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें कर दी गईं। इसी दौरान राजस्थान में पहली बार गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बना था। जब भारतीय जनता पार्टी ने 200 विधानसभा सीटों में से 150 सीटों पर बहुमत हासिल किया, और भैरो सिंह शेखावत को मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया। इनका कांग्रेस से कोई नाता नहीं था।
भाजपा ने कब-कब रचा इतिहास
वर्ष 1998 तक भाजपा के भैरो सिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर रहे। लेकिन 1998 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 200 में से 152 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर, अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बनाए गए। गहलोत के बाद साल 2003 चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल किया और वसुंधरा राजे को सीएम बनाया गया। राजस्थान में अब अशोक गहलोत बनाम वसुंधरा राजे का माहौल बन चुका था। राजस्थान में भाजपा का चेहरा वसुंधरा थीं और कांग्रेस की ओर से गहलोत। एक तरफ भाजपा लोकसभा चुनाव 2014 में इतिहास लिखने जा रही थी, इससे पहले ही राजस्थान विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड बना दिया। राजस्थान में कांग्रेस की वो अब तक की सबसे बड़ी हार थी। BJP ने 163 सीटों पर जीत का बिगुल बजाया तो कांग्रेस की झोली में सिर्फ 37 विधानसभा सीटें आईं थी। यही वो चुनाव है जो जिसमें ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था।
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