India News (इंडिया न्यूज), Sikar District News: राजस्थान शासन प्रशासन की लाख कोशिशो के बाद भी नही थम रहा छात्रों की आत्महत्या का सिलसिला। इस बार कोटा से नही बल्कि सीकर में एक निजी छात्रावास में रहकर नीट की तैयारी कर रहे 18 वर्षीय छात्र ने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार यानी 8 अक्टूबर को यह जानकारी दी। उद्योग नगर थानाधिकारी सुरेंद्र डेगरा ने बताया “भरतपुर जिले के नदबई कस्बे का रहने वाला नितिन फौजदार नीट परीक्षा की तैयारी के लिए जून में सीकर आया था। उन्होंने बताया कि नितिन एक कोचिंग सेंटर से तैयारी कर रहा था और वह शनिवार को क्लास के लिए नहीं पहुंचा।” जब नितिन के दोस्त ने कमरा अंदर से बंद पाया, तो उसने खिड़की खोली और शव को पंखे से लटका देखा।
आपको बता दें कि सीकर में पिछले तीन दिनों में यह दूसरा छात्र आत्महत्या का मामला सामने आया है। इससे पहले की अगर बात की जाए तो, पांच अक्टूबर को 16 वर्षीय नीट अभ्यर्थी कौशल मीणा ने अपने छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। तो वही, 5 सितंबर को नीट की तैयारी कर रहे 16 साल के एक छात्र ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। यह छात्र भी नीट परीक्षा की तैयारी में जुटा था। उसका शव हॉस्टल के कमरे में फांसी के फंदे में लटकता मिला था।
राजस्थान के छात्र-छात्राओं के सुसाइड करने की घटनाओं में अचानक से बढ़ोतरी को देखते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस विषय पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। आने वाले समय में केंद्र यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा कि छात्रों को कोचिंग की जरूरत न पड़े। साथ ही उन्होंने ‘डमी स्कूलों’ पर भी चर्चा की जा रही है।
उन्होने आगे कहा कि कई नीट और जेईई उम्मीदवार अपने गृह राज्यों के स्कूलों में दाखिला लेते हैं और कोचिंग क्लासेस के लिए कोटा जाते हैं। वे रेगुलर स्कूलों में नहीं जाते हैं और सीधे बोर्ड परीक्षा में शामिल होते हैं। ‘डमी स्कूलों’ के मुद्दे को कई विशेषज्ञों ने उठाया है, जिनका मानना है कि स्कूल नहीं जाने से छात्रों के व्यक्तिगत विकास में बाधा आती है और वे अक्सर अलग-थलग और तनावग्रस्त महसूस करते हैं।