India News (इंडिया न्यूज़),Prahlad Teli, Superstition: मासूम बच्चों की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाने की बजाय अंधविश्वास में डाम लगवाने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। जहां एक माह की मासूम बच्ची को खांसी-जुकाम व निमोनिया होने के बाद उसकी मां एक ग्रामीण के पास डाम लगवाने ले गई। यह घटना शाहपुरा जिले के फूलियाकलां थाना क्षेत्र की है। जहां डाम लगवाने से एक माह पांच दिन की मासूम की तबियत और बिगड़ गई। इसके बाद मासूम को महात्मा गांधी अस्पताल में लाया गया है। जहां वह अपनी जिंदगी से संघर्ष कर रही है।
भीलवाड़ा से इंडिया न्यूज़ के संवाददाता प्रहलाद तेली की रिपोर्ट के अनुसार, पनोतिया गांव निवासी सोनिया पत्नी रामदास बागरिया ने यहां मातृ एव शिशु चिकित्सालय में बताया – उसका पति रामदास बाहर रहता है। उसकी बेटी मोनिका को जुकाम और निमोनिया हो गया था। आठ दिन पहले वह बेटी मोनिका को अस्पताल नहीं ले जाकर अरवड़ गांव में एक व्यक्ति के पास ले गई। उक्त व्यक्ति ने उसे, कहा कि डाम लगाने से उसकी बेटी ठीक हो जायेगी। इसके बाद इस व्यक्ति ने उसकी बेटी को डाम लगाया। इसके बाद भी जब उसकी तबीयत ठीक नहीं हुई तो वह उसे शाहपुरा अस्पताल ले गई। जहां उसे भर्ती कर लिया गया और ड़ॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू कर दिया।
लेकिन वहां से उसे कुछ ड़ॉक्टरों ने यह कहते हुए भेज दिया कि बच्ची अभी बहुत छोटी है, इसे घर ले जाओ। ऐसा कहकर बच्ची को छुट्टी दे दी। वह, बेटी घर ले आई। लेकिन इसके बाद भी जब बच्ची की तबीयत ठीक नहीं हुई।इसके बाद वह अपनी मौसी सास को साथ लेकरल बेटी को शाहपुरा अस्पताल ले गई, जहां उसे बताया गया कि उसकी बेटी को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, इसे भीलवाड़ा ले जाओ। इसके बाद वह बेटी को जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु चिकित्सालय ले आई, जहां उसकी बेटी को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।