India News,(इंडिया न्यूज),Women Reservation Bill: भारतीय राजनीति में आज का दिन ऐतिहासिक होने वाला है। आज के दिन संसद की विशेष सत्र की दुसरी बैठक नई संसद भवन में होगा। 18 सितंबर की शाम को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में महिला आरक्षण बिल को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार, 18 सितंबर को संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण विधेयक बिल को मंजूरी दे दी गई, लेकिन इस बिल के पास होने पर राजस्थान की राजनीति पर क्या असर पड़ने वाला है। क्या राजस्थान विधानसभा में भी महिलाओं की संख्या बदल जाएगी। इस बिल के पास हो जाने के बाद राजस्थान विधानसभा से लेकर संसद तक में महिलाओं की भागीदारी बढ़ जाएगी। प्रत्येक पार्टियों को महिलाओं का प्रतिनिधित्व किस तरिके से होगा। यह अभी बिल पास होने के बाद स्पष्ट होगा। अभी तक सरकार की ओर से कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी नहीं दी गई है।
आपको बता दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने है। प्रदेश में 200 विधानसभा सीटें है। लेकिन 200 विधानसभा सीटों में से 59 सीटें रिजर्व हैं, जिनमें से एससी के लिए 34 और एसटी के लिए 25 सीटें आरक्षित हैं। अगर संसद में महिलाओं के 33% आरक्षण से जुड़ा बिल पास हो जाता है तो राजस्थान विधानसभा में महिलाओं की संख्या में बदलाव होगा। ऐसे में राजस्थान विधानसभा से कम से कम 66 महिला विधायक चुनी जा सकेंगी। आपको बता दें कि संसद में राजस्थान से 25 सीटें है। इन सीटों में से सन् 2019 के लोकसभा चुनावों में कुल तीन महिला सांसद चुनी गई। जिनमें से रंजीता कोली, जसकौर मीणा और दीया कुमारी हैं। अगर आरक्षण बिल पास हो जाता है तो, राजस्थान से कुल 25 सीटों में से 8 से 9 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी।
तो वही, अगर 2013 विधानसभा चुनाव के बाद की बात की जाए तो, 2013 में 26 महिला विधायक विधानसभा पहुंची थी। इनमें से सबसे अधिक 20 महिला विधायक बीजेपी पार्टी की रही थी। इसके अलावा NUZP ( National Unionist Zamindara Party, ) पार्टी से 3, कांग्रेस से 2 और एक महिला विधायक National People’s Party पार्टी से चुनकर विधानसभा पहुंची थी। इसका मतलब ये है कि कुल मिलाकर पिछले 2 विधानसभा चुनावों में देखा जाएं तो, 2018 के विधानसभा चुनावों में कुल 12 प्रतिशत महिला विधायक ही विधानसभा पहुंची। इसके बाद अगर 2013 के चुनावों की बात करें तो, 2018 की तुलना में अधिक महिला विधायक चुनी गई। 2013 में केवल 13 प्रतिशत महिला ही विधानसभा पहुंची थी।
ANI के अनुसार, आज के दिन महिला आरक्षण बिल पर सोनिया गांधी ने कहा,’यह हमारा है, अपना है।’ तो वहीं, महिला आरक्षण बिल पर राजद सांसद मनोज झा का कहना है, ”पहली बार कैबिनेट मीटिंग में कोई ब्रीफिंग नहीं हुई। हम महिला आरक्षण बिल पर सरकार की मंशा पर और स्पष्टता चाहते हैं। लालू यादव के समय से हमारी पार्टी का मानना है कि अगर आपका विचार प्रतिनिधित्व बढ़ाने का है तो यह तब तक संभव नहीं है जब तक आप एससी, एसटी और ओबीसी को कोटा नहीं देंगे। कोटा के अंदर कोटा होना जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो हमें सामाजिक न्याय पर लंबी लड़ाई करना होगा।