India News (इंडिया न्यूज़),Chandrayaan 3: भारत के चंद्रयान 3 ने चंद्रमा के पर सतह पर कदम रख दिया है। जिसके बाद भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है। इस सफलता से देशवाशियों के लिए गर्व का विषय है। लेकिन चंद्रयान 3 के चंद्रमा की सतह पर उतरने से पहले राजस्थान की एक महिला नर्सिंग अफसर ने चंद्रमा पर जमीन खरीद ली। इस वक्त महिला नर्सिंग अफसर जोधपुर के एम्स अस्पताल में तैनात हैं। यह जमीन इस महिला नर्सिंग अफसर ने अपनी दो बेटियों के लिए खरीदी है।
इससे पहले अजमेर के धमेन्द्र कुमार नाम के व्यक्ति ने अपनी ऐनिवर्सरी पर अपनी पत्नी के लिए चांद पर प्लॉट लिया था। उनका कहना है “बेटियों को इतना काबिल बनाना है कि वे चांद पर जा सकें और खुद की जमीन देख सकें।” नर्सिंग अफसर का नाम मीना विश्नोई है। उनको बकायदा एक एकड़ जमीन खरीदने का प्रमाण पत्र लूना सोसायटी की ओर से जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि मीना राजस्थान की पहली महिला है जिन्होनें चांद पर प्लॉट खरीदा है। इससे पहले अजमेर के धमेन्द्र कुमार नाम के व्यक्ति ने अपनी शादी की ऐनिवर्सरी पर अपनी पत्नी को चांद पर प्लॉट खरीद कर गिफ्ट किया था।
आपको बता दें कि मीना मूल रूप से राजस्थान के जोधपुर की रहने वाली है। कुछ समय पहले आयरलैंड देश में रहने वाली अपनी एक सहेली से बात करने के दौरान उन्होनें कहा “वे अपनी बेटियों के लिए कुछ करना चाहती हैं। ऐसे में सहेली ने चांद पर जमीन खरीदने की बात कही। मीना ने इस बारे में गंभीरता से सोचा, अपने पति से बात की और उसके बाद चांद पर एक एकड जमीन खरीद ली।”
आपको बता दें कि लूना सोसायटी जो कि एक इंटरनेशल फर्म है, वह चांद पर जमीन बेचने का दावा करती है। हांलाकि यह भी कहा जाता है कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून के तहत यह सब मान्य नहीं है। लेकिन उसके बावजूद भी बड़े लोग लगातार चांद पर जमीन खरीद रहे हैं। चांद पर जमीन बेचने का काम दो सोसायटी कर रही हैं। इनके दफ्तर के बारे में भी ज्यादा जानकारी निकलकर भी सामने नहीं आई है। मीना ने इसके लिए कितने रूपए दिए इसका भी खुलासा नहीं हो सका है। मीना का कहना है “एक दिन चांद पर जरूर बस्ती होगी और इस बस्ती में उनके बेटियों के लिए जमीन पहले ही सुरक्षित होगी।”