India News (इंडिया न्यूज़),Jaipur News: डीडवाना में सर्पदंश से पीड़ित एक 13 साल के बच्चे के लिए डॉक्टर उस समय भगवान बने, जब यह बच्चा जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा था। लेकिन डॉक्टरों ने अथक मेहनत और कोशिशें कर आधे घंटे तक बच्चे को CPR दिया। जिससे लगभग मरणासन्न हालत में पहुंच चुके बालक की सांसे वापस लौट आई।
आपको बता दें कि यह वाकिया डीडवाना का है, जहां 15 अगस्त की रात्रि को 13 साल के मोहित को जहरीले सांप ने काट लिया। जिससे बालक मरणासन्न हालत में चला गया और बेहोश हो गया। इस पर उसके परिजन बालक को रात करीब 3:15 बजे बांगड़ हास्पिटल की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। इस समय तक बालक बेहोशी की हालात मे था एवमं उसकी धड़कन और सांस बिल्कुल शून्य के बराबर थी।
इस दौरान नाइट ड्यूटी पर मौजूद डॉ. सुरेश नेतड, ट्रोमा स्टाफ सुरेश चौलूखा एव कैलाश द्वारा तुरन्त उपचार शुरू किया गया। उन्होंने बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए करीब 30-40 मिनट तक लगातार CPR दिया, जिससे आखिरकार बच्चें की सांसे व धड़कन पुनः शुरु हुई, तो घर वालो ने चेन की सांस ली। फिर जब सांसे चली तो एनेस्थेटिस्ट डाॅ प्रदीप बुगालिया फोन कर तुरंत बुलाया गया, जिन्होंने बच्चे को इन ट्यूबेट किया। फिर डॉ सोहनलाल शर्मा के सहयोग से आगामी उपचार प्रारम्भ किया गया।
इस प्रकार बांगड़ अस्पताल की ट्रोमा टीम के अथक प्रयासो से बालक मोहित को जीवनदान मिला। इसके बाद बालक को बेहतर उपचार के लिए सीकर रेफर कर दिया गया, जहां उसकी हालत में काफी सुधार है। आपको बता दें कि डॉक्टरों और स्टाफ के प्रयासों से जिस बच्चे को जीवनदान मिला है, वो बच्चा सात बहनों का इकलौता भाई है। इस दौरान भावुक हुए बच्चे के पिता ने डॉक्टरों का आभार जताया है।