India News (इंडिया न्यूज़), Jaipur News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में अब केवल चार से तीन महीनों का समय बचा है। ऐसे में सभी राजनीति पार्टियां इन चुनाव को लेकर एक-दूसरे पर लगातार निशाना साध रही है। इस वक्त भी राजस्थान की सियासत में बयानबाजी का दौर जारी है। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर तंज कसने और आरोप लगाने से पीछे नही हटे। अगर बात करें शुरुआत की तो, आरोपों की शुरुआत कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा से हुई। जयपुर के बड़ी चौपड़ पर झंडारोहण के दौरान डोटासरा ने कहा “आज जो लोग देश की सत्ता में हैं, वे विखंडन की सोच रखने वाले लोग हैं। वे लोग धर्म के नाम पर देश में उन्माद फैलाते हैं। डोटासरा ने कहा कि देश में महंगाई चरम पर है लेकिन प्रधानमंत्री जी मन की बात करेंगे लेकिन महंगाई की बात नहीं करेंगे।”
इसके बाद बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ ने पलटवार करते हुए कहा “डोटासरा जी को कम से कम आज के दिन ऐसी बचकानी बात नहीं कहनी चाहिए थी। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस तरह का बयान नहीं देते तो अच्छा होता। वैसे भी एक कहावत है कि जिसका जैसा मन होता है। वही बातें मन से निकलती है।” 15 अगस्त के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाई मानसिंह स्टेडियम पर आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में कहा था “कोरोना के समय राजस्थान में बेहतर प्रबंधन हुआ जिसकी तारीफ दुनियाभर में हुई थी। उन्होंने दुनियाभर में राजस्थान मॉडल स्थापित होने की बात कही थी।” इसपर बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने तंज कसते हुए कहा “राजस्थान मॉडल स्टेट है क्योंकि राजस्थान दुष्कर्म में, महिला अत्याचार में, दलित अत्याचार में पेपर लीक और महंगाई में देश में नम्बर वन जो है।”
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने आगे यह भी कहा “हर मौके पर राजनीति करना मुख्यमंत्री जी की आदत में शुमार हो गया है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्हें देश और प्रदेश के वीर शहीदों को याद करते हुए विकास की बातें करनी चाहिए थी लेकिन इस मुकारक मौके पर भी उन्होंने राजनैतिक भाषण दिया। प्रदेश को संबोधित करते हुए उन्होंने हर मामले में पूर्ववर्ती सरकार को कमकर बताया है। मुख्यमंत्री जी को प्रधानमंत्री जी से सोशल सिक्योरिटी एक्ट की मांग करने का अवसर आज ही मिला था क्या।”