India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan Election: राजस्थान के विधानसभा चुनाव में ज्यादा दिन नहीं बचा है और जिसे देखते हुए कांग्रेस सरकार पूरी तरह सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता को अपने पाले में रखने के लिए सभी पुराने वादों को पूरा करना शुरू कर दिया है। चाहे वह मुफ्त फोन-टैबलेट योजना हो, अन्नपूर्णा योजना हो या कोई और।
हालांकि, चुनाव से पहले यह संभव होता नहीं दिख रहा है क्योंकि टेंडर के लिए समय निकलता जा रहा है। ऐसे में गहलोत सरकार एक नया प्लान लेकर आई है। जिससे काफी फायदा जनता को भी हो सकता है।
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘नकदी में राहत’ की योजना बनाई है, जिसमें वह योजनाओं को पूरा करने के बजाय अब लाभार्थियों के खातों में पैसा भेजेंगे। गहलोत सरकार मुफ्त बिजली समेत अन्य राहतें देने के बाद अब बजट घोषणाओं में दी गई अन्य राहतों को भुनाने के लिए लाभार्थियों के खातों में राशि ट्रांसफर करेगी।
गौरतलब है कि हाल ही में सीएम अशोक गहलोत ने 1.33 करोड़ महिलाओं को स्मार्ट फोन के बदले एक निश्चित राशि उनके बैंक के खातों में ट्रांसफर करने का संकेत दिया था। लेकिन अब कांग्रेस सरकार अन्नपूर्णा खाद्य किट, टैबलेट योजना जैसी कई योजनाओं के बदले लाभार्थियों को नकद राशि देने पर विचार कर रही है। कहा जा रहा है कि इसके कारण यह हो सकता है कि अक्टूबर के मध्य में आचार संहिता लागू हो सकती है और अभी तक कई टेंडर पास नहीं हो पाए हैं।
अगर टेंडर पूरा हो भी गए तो चुनाव से पहले योजना को पूरा करने में समय लगेगा इसलिए सरकार वादों को पूरा करने के लिए ‘नकदी में राहत’ लाने का दावा कर रही है। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार 16 जून को इसकी शुरुआत राजस्थान की राजधानी से की जायेगी और इस दौरान सीएम 42 हजार पशुपालकों के खातों में 176 करोड़ रुपये एकमुश्त मुआवजे के तौर पर ट्रांसफर करेंगे।
राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि अशोक गहलोत की सरकार ने संस्थागत भ्रष्टाचार के आधार पर इन योजनाओं की घोषणा की है। जब भाजपा ने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया तो सरकार पीछे हट गई और अब ईडी के डर से डीबीटी किया जा रहा है।
REPORT BY: KASHISH GOYAL
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