India News (इंडिया न्यूज़),Chief Secretary, Government of Rajasthan: 30 जून को राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव यानी ब्यूरोक्रेसी की चीफ उषा शर्मा रिटायर होने वाली हैं। अभी के लिए उनका कार्यकाल करीब 17 दिन का बचा है। चीफ सेक्रेटरी उषा शर्मा के रिटायर होने से पहले ही राज्य सरकार ने नए चीफ सेक्रेटरी की तलाश शुरू कर दी है। माना जा रहा था कि मौजूदा मुख्य सचिव को सालभर का एक्सटेंशन मिलने वाला है। हालांकि अब एक्टेंशन की संभावनाएं खत्म होने की बातें सामने आ रही है। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुश हैं। ऐसा नही कि चीफ सेक्रेटरी को कोई नौकरी न दे। बता दें कि उषा शर्मा को कोई राजनैतिक पद देकर उपकृत किया जाएगा। उन्हे ब्यूरोक्रेसी का चीफ नया बनाए जाने की मशक्कत शुरू हो गई है। लेकिन ब्यूरोक्रेसी का नया चीफ कौन होगा।? यह सवाल ब्यूरोक्रेसी के अफसरों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
उषा शर्मा के सेवानिवृत होने के बाद सबसे सीनियर अफसर 1987 बैच की आईएएस वीनू गुप्ता हैं। जोकि पिछले एक साल से उद्योग और वाणिज्य कर विभाग में एसीएस हैं। वीनू गुप्ता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सबसे विश्वसनीय अफसरों में से एक मानी जाती हैं। बता दें कि वे पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की पत्नी हैं। सेवानिवृत आईएएस डीबी गुप्ता इन दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार हैं।
वर्तमान मुख्य सचिव उषा शर्मा के बाद टॉप 8 सीनियर आईएएस अफसरों में वी श्रीनिवास, शुभ्रा सिंह, राजेश्वर सिंह, रोहित कुमार सिंह,वीनू गुप्ता, संजय ,मल्होत्रा सुबोध अग्रवाल और सुधांश पंत हैं। इन 8 अफसरों में से 4 अफसर वी. श्रीनिवास, संजय मल्होत्रा,रोहित कुमार सिंह और सुधांश पंत प्रतिनियुक्ति के तहत केन्द्र सरकार में सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में ये 4 अफसर मुख्य सचिव की लाइन से बाहर माने जा रहे हैं। इनके बाद 4 नाम वीनू गुप्ता, शुभ्रा सिंह,सुबोध अग्रवाल और राजेश्वर सिंह बचते हैं।
माना जा रहा है कि इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीनियरटी को लांघकर किसी अन्य अफसर को मुख्य सचिव नहीं बनाएंगे। इस बीच शुभ्रा सिंह जोकि टॉप 8 सीनियर आईएएस अफसरों की लिस्ट में है, उनका नाम अचानक चर्चा में आया है क्योंकि वे लम्बे समय से प्रतिनियुक्ति पर केन्द्र सरकार में सेवाएं दे रही थी। लेकिन एक महीने पहले ही उनका ट्रांसफर राजस्थान कैडर में हो गया है।
आपको बता दें कि किसी भी राज्य में प्रशासनिक ढांचे में सबसे उच्चा यानी सर्वोच्च पद मुख्य सचिव का ही होता है। एक मुख्य सचिव ही प्रदेश के मुख्यमंत्री के सपनों के ढ़ाचे को साकार रूप देता है। बता दें कि मुख्य सचिव की नियुक्ति के लिए कुछ औपचारिकताएं हैं। पहले राज्य सरकार सीनियर आईएएस अफसरों का एक पैनल केन्द्र सरकार को भेजती है। इस पैनल में अफसरों को प्राथमिकता दी हुई होती है। राज्य सरकार की ओर से भेजे गए पैनल पर मानव संसाधन मंत्रालय की एक कमेटी विचार विमर्श करती है। यह कमेटी पैनल में भेजे गए अफसरों के कार्य अनुभव और दृष्टिकोण की परख करती है। इसके बाद एक नाम पर मोहर लगाई जाती है। इन तमाम औपचारिकताओं के बाद मुख्य सचिव बनने की मोहर उसी नाम पर लगती है, जो नाम राज्य सरकार की पहली पसंद होता है।
राज्य में बता दें कि कुल 249 आईएएस अफसर हैं, इनमें से 15 आईएएस फिलहाल अंडर ट्रेनिंग हैं और 5 अफसर उपखंड स्तर पर पदस्थ हैं। राजस्थान सीनियर पदों की बात करें तो मुख्य सचिव उषा शर्मा के बाद के 16 आईएएस अफसर अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के हैं। तो वही, 1993 बैच के अफसरों सहित इससे पहले से सभी अफसर एसीएस स्तर के हैं। इन 16 अफसरों में से 7 आईएएस अफसर केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर गए हुए हैं। शेष अफसरों में से टॉप 3 या 4 अफसरों के नाम राज्य सरकार मुख्य सचिव के लिए मानव संसाधन मंत्रालय को भेजेंगी। इन्हीं 3-4 अफसरों में एक अफसर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी का नया मुखिया और चेहरा होगा।