India News (इंडिया न्यूज़), Rajasthan Congress: कांग्रेस ने राहुल गांधी और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ चर्चा के लिए CM अशोक गहलोत को दिल्ली बुलाया। राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पिछले कुछ सालों में, अशोक गहलोत-सचिन पायलट की अनबन सार्वजनिक रूप से सामने आई है।
मीडिया ने तीन साल पहले पायलट के निरस्त विद्रोह और उसके बाद के नाटक की एक-एक करके रिपोर्ट की थी। दरअसल गहलोत को पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख के पद के लिए चुनाव में खड़े होने के लिए कहा गया था। गहलोत के साथ 70 से अधिक थें।
सूत्रों के मुताबिक, आज की बैठक राज्य में पार्टी के दो सबसे महत्वपूर्ण नेताओं के अनबन को सुलझाने की कोशिश की जाएगी। इस बैठक के लिए पायलट को नहीं बुलाया गया है। सूत्रों का कहना हैं कि पार्टी नेतृत्व गहलोत को बोर्ड पर लाना चाहता है। पायलट के साथ एक अलग बैठक होने की संभावना है।
यह बैठक कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच मामला सुलझाने को लेकर प्रेरित हैं। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बंपर रिटर्न लाया था। दो आक्रामक दावेदारों के बीच मुख्यमंत्री पद की गुत्थी सुलझने से पार्टी का आत्मविश्वास और बढ़ा है।
पायलट ने राजस्थान में कई मांगें की हैं। कांग्रेस को चेतावनी देते हुए पायलट ने कहा कि अगर इस महीने के अंत तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह पूरे राज्य में आंदोलन करेंगे। पायलट ने कहा कि “साढ़े चार साल पूरे हो गए हैं लेकिन किए गए वादे पूरे नहीं किए गए हैं और आरोपों पर कार्रवाई नहीं की गई है”।
जयपुर में मैंने अनशन किया था। लेकिन इसके बावजूद भी कुछ नही हुआ तो मुझे मजबूरन जन संघर्ष यात्रा निकालनी पड़ी और जनता के बीच जाना पड़ा। पायलट की इस चेतावनी पर अमल किया जाता है, तो कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका होगा, क्योंकि इस साल के अंत में राजस्तान में विधानसभा चुनाव होना हैं।
ALSO READ: PCC चीफ डोटासरा और कांग्रेस MLA राजेंद्र पारीक के बीच कलह, बीजेपी ने साधा निशाना