India News (इंडिया न्यूज़),Jaipur News: राजस्थान में कुछ समय पहले डॉक्टर्स ने ‘राइट टू हेल्थ’ का मुद्दा उठाया था। लेकिन एक बार फिर से डॉक्टर्स आंदोलन के मूड में नजर आ रहे हैं। इसी के चलते झुंझनू के सीकेआरडी मेमोरियल नर्सिंग कॉलेज में ‘एक शाम डॉक्टर्स के नाम’ कार्यक्रम में राज्य चिकित्सक और विभिन्न चिकित्सक संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी शामिल हुए, जिसमें पूर्व अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ, आईएमए, उपचार इत्यादि चिकित्सक संघों के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई जिसमें चिकित्सकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी हुई।
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ ने सरकार से हुए दो समझौते लंबित होने और इस साल के अप्रैल में इन लंबित मांगों को पूरा करने के लिए 11 सूत्री मांग पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर असंतोष व्यक्त किया गया। बता दें कि अरिस्दा अध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने कहा कि हमें एक होकर अपनी जायज मांगों के लिए संघर्ष करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकारी और निजी चिकित्सक ये प्रण कर ले कि वे एक दूसरे का विकल्प नहीं बनेंगे तो जीत निश्चित है।
अरिस्दा अध्यक्ष डॉ अजय चौधरी ने निजी चिकित्सकों को संघ की ओर से यह विश्वास दिलाया कि हाल ही में हुए ‘नो टू आरटीएच’ आंदोलन की ही भांति आगे भी सेवारत चिकित्सकों द्वारा अपने निजी क्षेत्र के साथियों का साथ देने का वादा उन्होने किया। उन्होंने निजी क्षेत्र के चिकित्सकों से उम्मीद जताई कि भविष्य में अरिस्दा के आंदोलन में संघ का साथ दें। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार और निजी चिकित्सकों के बीच ‘आरटीएच बिल’ को लेकर हुए समझौते को लागू करने पर सरकार ढुलमुल रवैया अपना रही है। जिस पर निजी चिकित्सक संघों ने भी आने वाले एक माह में सभी बिंदुओं की लागू न होने पर दोबार सरकारी योजनाओं के बहिष्कार कर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दे डाली है।
बैठक को अरिस्दा अध्यक्ष डॉ अजय चौधरी, आईएमए अध्यक्ष डॉ अशोक शारदा, सचिव डॉ पी सी गर्ग, अरिस्दा प्रवक्ता डॉ ज्योत्स्ना रंगा, उपचार प्रतिनिधि डॉ रामदेव चौधरी (सीकर), डॉ सुनील गर्सा (जयपुर), डॉ एम पी शर्मा (हनुमान गढ़), डॉ लालचंद ढाका, डॉ विजेंद्र, डॉ राहुल कट्टा (जयपुर), डॉ रजनीश शर्मा(शाहपुरा) ने संबोधित भी किया है । इस दौरान सभी ने आगे की रणनीति के लिए सहमति दी है।