India News (इंडिया न्यूज़), New Parliament Building: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां सक्रिय है। इस बीच राज्य में नए-नए मुद्दे भी उठ रहे है। इस दौरान एक विवादी मुद्दा नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर हो रहा है। बता दें कि राज्य में नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर हुए विवाद पर नेताओं की प्रतिक्रियाएं लगातार सामने आ रही हैं। हालही में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बयान दिया था।
आपको बता दें कि नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर आज शुक्रवार, 26 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत से याचिका में लोकसभा सचिवालय को नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में बताया गया है कि लोकसभा सचिवालय का बयान तथा लोकसभा के महासचिव का उद्घाटन समारोह के लिए जारी निमंत्रण भारतीय संविधान का उल्लंघन है।
बता दें कि नए संसद भवन पर केंद्र की मोदी सरकार के साथ अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) मिलाकर 25 दल हैं। वहीं, कई दलों ने भवन के उद्घाटन कार्यक्रम के बहिष्कार की विपक्ष की मुहिम से अब किनारा कर लिया है। गुरुवार को बसपा, जद-एस व तेलुगू देशम ने समारोह में शामिल होने को लेकर घोषणा की है। उन्होंने कहा, “यह जनहित का मुद्दा है, इसका बहिष्कार करना गलत है।” NDA में बीजेपी सहित 18 दलों के अलावा विपक्षी खेमे के 7 दलों ने उद्घाटन समारोह में शिरकत करने की रजामंदी दी है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, “केंद्र में चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या भाजपा की, बसपा ने हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर फैसले किए हैं। संसद के नए भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए स्वागत करती है।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “राष्ट्रपति पद संसद का प्रथम अंग है। सरकार के अहंकार ने संसदीय प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है। 140 करोड़ भारतीय जानना चाहते हैं कि राष्ट्रपति से संसद भवन के उद्घाटन का हक छीनकर सरकार क्या जताना चाहती है?”