India News (इंडिया न्यूज)Ajmer,अजमेर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार, 5 मई को विजयलक्ष्मी पार्क में महंगाई राहत कैंप के गारंटी कार्ड वितरण किया और एलिवेटेड रोड की भुजा के लोकार्पण समारोह में कहा कि 25 साल पहले आपने मुझे सीएम बनाया। मैंने मुख्यमंत्री बीपीएल जीवन रक्षक योजना शुरू की… जरा हाथ खड़े कर बताओ कितनों को याद है। कई हाथ उठे तो गहलोत ने आगे कहा कि जब एक योजना याद है, तो बाकी सब भी पता होनी चाहिए। लोग योजनाओं में रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराते हैं। जबकि ढेरों योजनाएं हैं जो पूरे परिवार को लाभ पहुंचा सकती हैं। मुख्यमंत्री राहत कैंप के दौरान शिविर के निरीक्षण में मुख्यमंत्री ने एक छात्रा नाज से गारंटी योजनाओं के बारे में जानकारी चाही तब उसने सभी योजनाओं के नाम मुख्यमंत्री को बताए। इन्हें सुन मुख्यमंत्री ने उसे दुलारा।
आपको बता दें कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में महंगाई राहत कैंप में भीड़ देख विपक्ष में घबराहट है। उनके पास मुद्दे नहीं हैं, सोच रहे हैं अभी यह हाल है तो चुनाव में क्या होगा। पर मैं अपने अनुभव से जनता की सेवा करता रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा। गहलोत ने यह बात शुक्रवार को विजयलक्ष्मी पार्क में महंगाई राहत कैंप के गारंटी कार्ड वितरण और एलिवेटेड रोड की भुजा के लोकार्पण समारोह में कही।
उन्होंने आगे कहा कि महंगाई राहत कैंप में 2 करोड़ लोगों के पंजीयन हो चुके हैं। जनता में उत्साह देख विपक्ष को घबराहट हो रही है। सोच रहे हैं चुनाव में क्या हाल होगा। जनसेवा ही मेरा ध्येय और मूलमंत्र है। हम राज्य में 1.25 लाख नौकरियां दे चुके हैं, 1 लाख प्रोसेस में हैं और 1 लाख का ऐलान किया है। युवाओं को समय पर नौकरियां नहीं मिलेंगी तो कैसे काम चलेगा। गहलोत ने देरी से आने के लिए लोगों से माफी भी मांगी।
क्या होता है हजार रुपए में…
गहलोत ने हाथ खड़े कराकर पेंशन मिलने की बात पूछी। इसके बाद यह भी कहा कि भले हम हजार रुपए पेंशन दे रहे हैं, पर मैं खुश नहीं हूं। घर में बुजुर्गों के नाती-पोते, बहन-बेटियां आती हैं, तो उन्हें बहु-बेटों के सामने हाथ फैलाने पड़ते हैं। देने के लिए रुपए नहीं मिलते तो बुजुर्ग महिला का मूड खराब होता है।
गहलोत ने आगे यह भी कहा कि मैंने पीएम को चिट्ठी लिखकर सोशल सिक्योरिटी कानून बनाने का आग्रह किया है। समान पेंशन मिलेगी तो बुजुर्ग आराम से रहेंगे। सोशल सिक्योरिटी मिलेगी तभी विश्व गुरु बनेंगे। ओपीएस लागू करने की मंशा भी यही है। हम 500 युवाओं को हर साल विदेश पढ़ने भेज रहे हैं, ताकि हमारे बच्चे वैज्ञानिक, डॉक्टर, आईटी विशेषज्ञ, इंजीनियर, उद्यमी बनकर राज्य को आगे बढ़ाएं और तरक्की करें।