India News (इंडिया न्यूज़) Ashok Gehlot Birthday, Rajasthan: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गलहोत (Ashok Gehlot) आज अपना 72 वां जन्मदिन मनाएंगे। बता दें जन्मदिन के दिन सीएम गहलोत उदयपुर के दौरे पर रहेंगे। उनका पिछले 12 माह में यह 15वां दौरा है। वे दोपहर 3:10 बजे महाराणा प्रताप एयरपोर्ट आएंगे। यहां से हेलिकॉप्टर से कोटड़ा के घाटा गांव पहुंचेंगे और आदिवासियों के बीच अपना मनाएंगे। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि सीएम गहलोत कोटड़ा में आदिवासियों के बीच अपना जन्मदिन मनाएंगे।
राजस्थान की राजनीति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गिलीबिली भी कहा जाता रहा है। वहीं जाट,मीणा, गुर्जर और राजपूत जैसी प्रभावशाली जातियों से आने के बावजूद गहलोत ने अपने आप को जिस तरह से प्रदेश की राजनीति में स्थापित किया है, वो एक राजनेता के तौर पर एक बड़ी उपलब्धि है। अशोक गहलोत जिस माली जाति से आते हैं, उसका राजस्थान में कोई खास आधार नहीं है। लेकिन फिर भी वे परसराम मदरेणा, राजेश पायलट, सीपी जोशी और सचिन पायलट जैसे दिग्गजों को पछाड़कर राज्य की राजनीति के सिरमौर बन गए।
बता दें, 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जब बीजेपी को हराकर सत्ता में आई थी, तब परसराम मदरेणा मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार थे। बताया जाता है कि अधिकतर विधायक भी उनके पक्ष में थे। इसके अलावा वरिष्ठ नेता राजेश पायलट भी एक दावेदार था। लेकिन तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी का आर्शीवाद हासिल कर पहली बार सीएम पद हासिल करने में सफल रहे।
2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उनके नेतृत्व में बीजेपी के हाथों कड़ी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। जिसके बाद गहलोत केंद्र की राजनीति में एक्टिव हो गए थे। इसके बाद राज्य में कांग्रेस की कमान सीपी जोशी के हाथ में आ गई। वहीं 2008 के विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में कांग्रेस सत्ता पलटने में कामयाब भी रही। लेकिन खेल कुछ ऐसा हुआ कि एक बार फिर मुख्यमंत्री का पद अशोक गहलोत के हिस्से में आ गिरा था। बता दें, 2013 में मोदी लहर का आगाज हो चुका था। जिसका परिणाम ये हुआ कि अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस को राजस्थान में सबसे बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा था। इसके बाद गहलोत फिर से राज्य़ की राजनीति से दूर केंद्र की राजनीति में एक्टिव हो गए। पायलट ने 2018 में अपने आप को साबित भी किया और राज्य में कांग्रेस को सत्ता दिलाई। तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को राहुल गांधी का चहेता माने जाने के कारण सीएम पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन अशोक गहलोत एक बार फिर यहां बाजी मारने में सफल रहे।