India News (इंडिया न्यूज़)Jaipur,जयपुर: राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव यानी ब्यूरोक्रेसी की चीफ उषा शर्मा 30 जून को सेवानिवृत होने वाली या अपने पद को त्यागने वाली है। अब उनका कार्यकाल महज दो महीने का ही बचा हुआ है। बता दें कि चीफ सेक्रेट्री उषा शर्मा के कामकाज से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेहद खुश हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुख्य सचिव उषा शर्मा को एक साल का एक्सटेंशन दे सकते हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो मुख्य सचिव की कुर्सी पर कोई दूसरा सीनियर आईएएस बैठेगा। ब्यूरोक्रेसी का नया चीफ कौन होगा। यह सवाल ब्यूरोक्रेसी के अफसरों में चर्चा का विषय बना हुआ है और यह समय आने पर ही पता चल पाएगा।
आपको बता दें कि किसी भी राज्य में प्रशासनिक ढाचें में सर्वोच्च पद मुख्य सचिव का होता है। मुख्य सचिव ही प्रदेश के मुख्यमंत्री के सपनों को साकार रूप देता है। मुख्य सचिव की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार सीनियर आईएएस अफसरों का एक पैनल केन्द्र सरकार को भेजती है। जिसके द्वारा इस पैनल में अफसरों को प्राथमिकता दी जाती है। राज्य सरकार की ओर से भेजे गए पैनल पर मानव संसाधन मंत्रालय की एक कमेटी विचार विमर्श करती है। यह कमेटी पैनल में भेजे गए अफसरों के कार्य अनुभव और दृष्टिकोण की परख करती है। इसके बाद एक आईएएस के नाम पर मोहर लगाई जाती है। जो नाम मानव संसाधन मंत्रालय की कमेटी तय करती है। तो वहीं राज्य का मुख्य सचिव बनता है। अमूमन यही होता है कि जो नाम राज्य सरकार की पहली पसंद होता है। मंत्रालय की ओर से उसी नाम पर मोहर लगाई जाती है।
बता दें कि राजस्थान में कुल 250 आईएए अफसर हैं जिनमें से 16 आईएएस फिलहाल अंडर ट्रेनिंग हैं और बाकी बचे 12 अफसर उपखंड स्तर पर पदस्थ हैं। सीनियर पदों की बात करें तो मुख्य सचिव उषा शर्मा के बाद के 16 आईएएस अफसर अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के हैं। 1993 बैच के अफसरों सहित इससे पहले से सभी अफसर एसीएस स्तर के हैं। इन 16 अफसरों में से 8 आईएएस अफसर केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर गए हुए हैं। शेष अफसरों में से टॉप थ्री या फोर अफसरों के नाम राज्य सरकार मुख्य सचिव के लिए मानव संसाधन मंत्रालय को भेजेंगी। इन्हीं तीन या चार अफसरों में एक अफसर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी का नया मुखिया होगा।