India News (इंडिया न्यूज़)Politices News, राजनीति की खबर: प्रदेश में विधानसभा पास है ऐसे में सभी पार्टी एक दुसरे पर लगातार कटाक्ष कर रही है। लेकिन राज्य सरकार में कुछ तो हो रहा है जोकि कांग्रेस में कभी सचिन पायलट सीएम आशोक गहलोत से तो अब कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास खफा चल रहे है। जी हां राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर विवादित बयान दिया है। खाचरियावास ने कहा- मैंने अभी गहलोत साहब से कहा, अब सिर्फ मेरी जान बची है। मैं पूरी कैबिनेट का दिल निकालकर आपको दे दूंगा। फिर भी आप कहेंगे, मजा नहीं आ रहा। आदमी मर भी जाए तो मजा नहीं आता। अब मैं इसके बारे में क्या कर सकता हूं? इसका कोई इलाज नहीं है।
आपको बता दें कि खाचरियावास रविवार, 30 अप्रैल को पिंकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में गए थे। जहां पर उन्होने ख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर विवादित बयान दिया। हालांकि, खाचरियावास ने गहलोत को लेकर यह बयान क्यों दिया, यह अभी साफ नहीं हो पाया है। लेकिन, मंत्री के बयान के बाद यह जरूर संकेत मिल रहे हैं कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव हैं। मुख्यमंत्री समेत पार्टी आलाकमान भी एकजुटता पर बल दे रहा है और नेताओं के बयान पार्टी और सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं।
कुछ लोगों का कहना है कि वे ऐसा इसलिए भी कर रहे हा क्योकि वो सचिन पायलट के करीबी हैं। ऐसे में उनके बयान की चर्चा हर तरफ हो रही हैं। दरअसल, राजस्थान में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह बात किसी से छुपाए नही छुपी है पायलट को पता है कि राज्य में इस साल के अंत तक चुनाव होने हैं। ऐसे में वो अपनी दावेदारी का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं। तो वही, गहलोत भी दोबारा सरकार बनाने का दावा पेश कर चुके हैं।
दरअसल, दिसंबर 2018 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गहलोत और पायलट के बीच खींचतान चल रही है। हाल ही में पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ एक दिन का धरना भी दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य की गहलोत सरकार ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, तो वहीं, गहलोत ने पायलट के हमले पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी थी। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि मीडिया को लोगों को लड़ाना नहीं चाहिए। मीडिया को सच्चाई और तथ्यों पर टिके रहना चाहिए। उन्हें (मीडियाकर्मियों को) अपना कर्तव्य निभाना चाहिए और यही जनहित में है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं यह नहीं कहता कि झूठे आंकड़े पेश करो या हमारी झूठी प्रशंसा करो, लेकिन मैं कहूंगा कि मीडिया सच्चाई के आधार पर चले। मीडिया केंद्र सरकार के दबाव में है, लेकिन उन्हें जनता का हित देखना चाहिए।