India News (इंडिया न्यूज़), Jaipur: प्रदेश में विधानसभा चुनाव में भले ही अभी 7 महीने का समय हो लेकिन टिकट की दावेदारी को लेकर अभी से ही नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई सड़कों तक आ गई है। ऐसे में जयपुर का एक मामला कालाडेरा में भी देखने को मिला जब सरकार की ओर से आयोजित महंगाई राहत शिविर के दौरान आयोजित जनसभा के बाद चौमूं से कांग्रेस के पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी और प्रोफेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष रुक्ष्मणि कुमारी के बीच जमकर विवाद हुआ और दोनों के बीच काफी देर तक नोकझोंक भी हुई।
बता दें, रुक्ष्मणि कुमारी ने कहा कि ऐसे पार्टी मजबूत नहीं होती आपकी जिम्मेदारी बनती है,आप हमारे सम्मानीय हैं आपने मेरे कुर्सी मंच पर नहीं लगने दी लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद ही मुझे मंच पर बुलवा लिया तब आपकी क्या रह गई। मैं कब से आपसे बोल रही हूं आपको समझा रही हूं लेकिन आप समझ नहीं रहे हैं उसके बाद दोनों नेता वहां से चले गए। वहीं रुक्ष्मणि ने कहा कि यह सरकारी कार्यक्रम था कोई भगवान सहाय सैनी का निजी कार्यक्रम नहीं था रुक्ष्मणि कुमारी ने कहा कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी भगवान सहाय सैनी को बुलाकर नाराजगी जाहिर की थी।
दरअसल रुक्ष्मणि कुमारी और भगवान सहाय सैनी के बीच विवाद की एक वजह ये भी है कि भगवान सहाय सैनी भी जहां चौमूं से कांग्रेस के टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं तो वहीं प्रोफेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष रुक्ष्मणि कुमारी भी चौमूं से दावेदारी कर रही हैं और पिछले कई सालों से लगातार चौमूं में सक्रिय हैं। ऐसे में विवाद के पीछे एक वजह दोनों नेताओं की दावेदारी को भी माना जा रहा है। चौमूं राजपरिवार से संबंध रखने के चलते रुक्ष्मणि यहां से टिकट की दावेदारी कर रही हैं। बता दें, 2018 के विधानसभा चुनाव में भी रुक्ष्मणि ने चौमूं से दावेदारी की थी हालांकि उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था।