Dungarpur: राजस्थान में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर आउट मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी ने राज्यपाल के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष विपिन कोटेड ने बताया कि राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं के पेपर लगातार आउट हो रहे हैं इससे मेहनत करने वाले युवाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है। राजस्थान लोक सेवा आयोग की सेकेंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा का जीके पेपर लीक हो गया था जिसके बाद पेपर को निरस्त कर दिया गया। इतना ही नहीं 10 साल में एक दर्जन भर्तियों के पेपर आउट हो चुके हैं जिससे परीक्षाओं को रद्द करना पड़ा। साल 2013 में 26 अक्टूबर को आयोजित हुई आरएस-प्री के परीक्षा परिणाम आने के बाद 11 जुलाई 2014 को रद्द कर दी गई।
आरपीएससी की ओर से आयोजित की गई एलडीसी भर्ती-2013 जिनका आयोजन 11 जनवरी 2014 को हुआ, उसे दिसंबर 2015 में रद्द कर दिया गया। जेल प्रहरी भर्ती 2015 की परीक्षा, कॉन्स्टेबल 2018 की भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक होने के कारण रद्द कर दिया गया था। इसी प्रकार लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा 2018 जिसकी परीक्षा 2020 में हुई थी उसे भी रद्द कर दिया गया था। साथ ही रीट की परीक्षा, बिजली विभाग में टेक्निकल हैल्पर भर्ती परीक्षा 2022 की ऑनलाइन परीक्षा, कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा 2022, वन रक्षक भर्ती परीक्षा 2020 उसे भी पेपर लीक के चलते रद्द करना पड़ा था।
जिलाध्यक्ष कोटेड ने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग किसी भी परीक्षा को पारदर्शी ढंग से नहीं करवा पा रही हैं। लगातार पेपर आउट होना, नकल माफियाओं, पेपर आउट गिरोह पर प्रभावी कानूनी कार्यवाही न होना इस बात का संकेत है कि इन्हें नेताओं और अधिकारियों का संरक्षण मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि अब तो प्रदेश में हालात यह है कि पेपर लीक में आरपीएससी सदस्य की भूमिका साफ़ दिख रही है और उनकी गिरफ़्तारी भी हो चुकी है। इसका मतलब पेपर लीक मामले में न केवल आरपीएससी सदस्य का इन्वॉल्वमेंट है बल्कि राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। राजस्थान लोक सेवा आयोग सदस्य बाबूलाल कटारा की गिरफ़्तारी से आयोग की साख ख़राब हुई है और लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ हुआ है।
आम आदमी पार्टी ने ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल से माँग की है कि इस मामले की ज़िम्मेदारी आरपीएससी चेयरमैन की बनती है इसलिए उनको बर्खास्त किया जाए। इतना ही नहीं लाखों युवाओं का भविष्य अंधकारमय करने की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की है इसलिए राज्य सरकार को भी बर्खास्त कर युवाओं को न्याय दिलाएं ताकि आगे युवाओं के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं हो और पारदर्शी तरीक़े से परीक्षाएँ करवाकर अधिक से अधिक युवाओं को समय पर नौकरी मिल सके।