Rajasthan Politics: कांग्रेस के राजस्थान मामलों के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बुधवार यानी 19 अप्रैल को कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कथित भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर एक दिन का अनशन करने के बजाय इस मुद्दे को विधानसभा में उठाना चाहिए था।
उन्होंने आगे कहा कि पायलट जो कुछ कहना चाहते थे, उन्हें वह विधानसभा में कहना चाहिए था क्योंकि विधानसभा से बड़ा कोई मंच नहीं होता। पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में मौजूदा अशोक गहलोत नीत कांग्रेस सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के विरोध में पायलट ने पिछले सप्ताह जयपुर में एक दिन का अनशन किया था।
इस बारे में पूछे जाने पर रंधावा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह बात विधानसभा में हो सकती थी। उससे बड़ा कोई मंच नहीं है। तो वहीं विपक्ष था, वहीं मुख्यमंत्री बैठे थे, वहीं कांग्रेस के सभी विधायक थे, वहां पूरी भाजपा थी। वहां बोलना चाहिए था कि हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आज तक क्या किया ? विधानसभा से बड़ा मंच कोई नहीं है। रंधावा ने आगे यह भी कहा कि पायलट राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई बहस के दौरान यह मुद्दा उठा सकते थे और मुख्यमंत्री को बहस के जवाब के दौरान इसका भी उत्तर देना पड़ता।
बता दें कि कांग्रेस की एक दिवसीय कार्यशाला से पहले रंधावा ने कहा कि अनशन करना व्यक्तिगत हो सकता है पर जो पार्टी की बात है, जो मैं कह रहा हूं। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान हम अपनी बात रख सकते हैं और मुख्यमंत्री को उसका जवाब देना पड़ता है।
पार्टी के कुछ विधायकों की बयानबाजी को लेकर उन्होंने कहा कि ये बातें मेरे ध्यान में हैं। मैं करीबी निगाह रखे हुए हूं और जो कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं, जो कांग्रेस के लिए समस्याएं खड़ी कर रहे हैं उनको भी देख रहा हूं। जो कांग्रेस के लिए बिना किसी ओहदे के, बिना किसी लालच के काम कर रहे हैं उनको भी मैं देख रहा हूं।
पायलट ने कहा था कि 2013 से 2018 तक कांग्रेस विपक्ष में थी और उसने राज्य में भारतीय जनता पार्टी की तत्कालीन सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाए थे तथा 2018 के विधानसभा चुनावों में वादा किया था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो उन मामलों में कार्रवाई होगी। पायलट के अनुसार, अगर मौजूदा सरकार के चार साल से अधिक के कार्यकाल में, पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी मुद्दे को लेकर उन्होंने यहां एक दिन का अनशन किया था।
आपको बता दें कि कांग्रेस के एक विधायक द्वारा कुछ मंत्रियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाए जाने पर रंधावा ने कहा कि इतने विधायक हैं हमारे पास, तो दो चार अगर आलोचना करेंगे तो हम अपने आप में सुधार भी लाएंगे। रंधावा ने यह भी कहा कि हमारा ध्यान इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। मेरा मुख्य फोकस यही है संगठन को कैसे आगे लेकर जाना है, और कैसे हमें काम करना है। राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं।