Rajasthan: राजस्थान कांग्रेस में मचा घमासान पार्टी नेतृत्व के लिए परेशानी बढ़ती ही जा रही है। बता दें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच दरार कम होने का नाम नहीं ले रही है। केंद्रीय नेतृत्व की तमाम कोशिशों के बाद भी सचिन पायलट आर-पार के मूड में नजर आ रहे हैं। इस सियासी तनातनी से निपटने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ को जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं विवाद को सुलझाने के लिए दिन भर बैठकें चलीं। केसी वेणुगोपाल और पार्टी के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से अलग-अलग मुलाकात की।
बता दें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी के कहने पर कमलनाथ ने सचिन पायलट से बातचीत शुरू की है। खड़गे ने वेणुगोपाल से कहा कि वे किसी फैसले पर पहुंचने से पहले पायलट से मिलें और उनका पक्ष सुनें। इस बीच पायलट ने कहा कि वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के कथित मामलों में कार्रवाई की मांग को पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं कहा जा सकता है।
इसके बाद वेणुगोपाल ने कमलनाथ से मुलाकात कर हस्तक्षेप की मांग की। वेणुगोपाल और पायलट फिर कमलनाथ के आवास पर गए। इन नेताओं के बीच आधे घंटे तक बैठक चली। हुड्डा से मिलने से पहले कमलनाथ ने वेणुगोपाल और रंधावा से अलग-अलग मुलाकात की। कमलनाथ की भूमिका दिलचस्प मानी जा रही है क्योंकि वो और गहलोत कांग्रेस की राजनीति में एक लंबा सफर तय कर चुके हैं।