जयपुर: (Sachin Pilot’s protest against his party) राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव है और चुनावों के पहले सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस में खलगली मची हुई है और उसका कारण यह है की सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सचिन पायलट ने एक प्रेस वार्ता कर अपनी सरकार के खिलाफ धरने का ऐलान कर दिया है। हाल ही में दो दिन पहले आरएलपी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने सचिन पायलट को ऑफर दिया था और कहा था की पायलट अगर अलग पार्टी बनाते है तो वो उनका साथ देने को तैयार है।
ऐसे में सचिन पायलट भी पिछले कुछ समय से अपनी ही पार्टी के सीएम और सरकार के खिलाफ आवाज उठा चुके है। इस बार भी उन्होंने अपनी ही पार्टी के सीएम और सरकार के खिलाफ धरने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में अब ये कयास लगाए जा रहे है कि अगर पायलट सरकार के खिलाफ धरना देते है तो वो आगे क्या करेंगे। लोग तो यह भी कयास लगा रहे है की पायलट शायद नई पार्टी के गठन का भी ऐलान कर सकते है और गठबंधन की और भी जा सकते है।
जानकारी के अनुसार उन्होंने पिछली वसुंधरा सरकार के समय हुए घोटाले और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच न करने पर सीएम गहलोत को घेरा और मीडिया के सामने सीएम अशोक गहलोत के वीडियो चलाकर जानकारी दी। पायलट ने गहलोत-वसुंधरा में गठजोड़ और मिलीभगत के सवाल खड़े किए है।
ऐसे में अब ये भी चर्चा तेज है की सचिन पायलट शायद अब आर पार के मूड में है हालांकि, कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने उनके इस धरने के खिलाफ संज्ञान भी लिया है। बताया जा रहा है की प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह ने कहा है की पायलट का इस तरह संवादाता सम्मेलन करना सही नहीं है।
पायलट ने कहा कि पिछली बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार और घोटालों के कई आरोप लगाकर कांग्रेस सत्ता में आई है। लेकिन आज दुख की बात है कि करीब साढ़े 4 साल का समय कांग्रेस को सत्ता में रहते हो गया लेकिन अब तक कोई जांच नहीं करवाई गई। पायलट ने कहा पिछली वसुंधरा सरकार के घोटालों और भ्रष्टाचार की जांच के लिए ज्योतिबा फुले जयंती के उपलक्ष्य में मैं 11 अप्रैल को अपनी ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ जयपुर के शहीद स्मारक पर एक दिन का धरना और अनशन करूंगा।