इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Cheque Bounce Case : सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के चेक बाउंस के मामले के आदेश को खारिज करते हुए फिर से आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए है। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने कहा कि चेक इस टिप्पणी के साथ वापस हो गया था कि संबंधित खाता फ्रीज है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायाधीश एएस बोपन्ना और हिमा कोहली की पीठ ने यह आदेश राजस्थान हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सुनाया। हाईकोर्ट ने मामले में आपराधिक कार्यवाही खारिज कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को मानने से इनकार कर दिया कि परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत आरोपी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। बैंक मैनेजरों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ऐसा कोई खाता बैंक में नहीं खुला था। पीठ ने कहा कि एक ओर बैंक मैनेजरों ने गवाही दी है कि ऐसा कोई खाता बैंक में नहीं खुला है। वहीं दूसरी ओर प्रतिवादी की ओर से अपीलकर्ता के पक्ष में आहरित चेक को खाता फ्रीज की टिप्पणी के साथ लौटा दिया गया था।
पीठ ने आगे कहा कि चेक वापसी पर जो तथ्य दिए गए है। उससे माना जा सकता है कि बैंक में खाता मौजूद था। यह ऐसा मामला है जिसे ट्रायल कोर्ट को गंभीरता से विचार करना होगा। इसके साथ ही सभी पक्षों को एक पूर्ण ट्रायल का सामना भी करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसे केवल बैंक मैनेजरों के सबूतों के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। यह ऐसा मामला नहीं था जिसकी कार्यवाही खारिज कर दी जाए। (Cheque Bounce Case)
हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करने के साथ ही आदेश में ट्रायल कोर्ट को यह निर्देश दिया गया कि वह मामले की फिर से सुनवाई शुरू करे और इसे कानून के अनुसार तेजी से समापन करे और संभव हो तो छह महीने की अवधि के भीतर ही समाप्त किया जाए। ताकि इस मामले का उचित समाधान निकल सके। (Cheque Bounce Case)
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