Rajasthan: संजीवनी क्रेडिट सोसाइटी के कथित घोटाले के मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को फिलहाल राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी (Sanjivani Credit Cooperative Society) से जुड़े निवेशकों का 900 करोड़ रुपए के कथित घोटाले के आरोपों में घिरे केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) की पेश विविध अपराधिक याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) के न्यायाधीश प्रवीर भटनागर (Praveen Bhatnagar) की अदालत में सूचीबद्ध थी। वहीं इसे न्यायाधीश प्रवीर भटनागर ने एक्सेप्शन बताते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया हैं।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने ये याचिका इसलिए लगाई है क्योंकि सीएम अशोक गहलोत ने भारी रिटर्न के नाम पर जमाकर्ताओं के पैसे की कथित हेराफेरी के संबंध में उनके और उनके परिवार पर आरोप लगाए हैं। शेखावत ने गहलोत के खिलाफ दिल्ली की एक कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है। जिसमें कहा गया है कि गहलोत ने उनके बारे में झूठे आरोप लगाए। वहीं गजेंद्र सिंह शेखावत ने 2019 के लोकसभा चुनावों में जोधपुर में अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को 2.7 लाख से ज़्यादा वोटों से हराया था। मुख्यमंत्री गहलोत ने 1980 से पांच बार उस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। बहरहाल दोनों की पक्षों की ओर से कानूनी दांवपेंच फिलहाल जारी हैं।
गजेंद्र सिंह संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशकों के 900 करोड रुपए से भी ज्यादा का घोटाला बताया जा रहा हैं। इसमें हजारों लोगों के जीवन भर की कमाई फंसी हुई है। बता दें कि सीएम अशोक गहलोत खुद केंद्रीय मंत्री पर घोटाले केस का आरोप लगा रहे हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से सीएम अशोक गहलोत के विरुद्ध दिल्ली में मानहानि का केस दर्ज किया है। इसको लेकर सीएम अशोक गहलोत पहले ही कह चुके हैं कि मुझे इसके लिए जेल जाना पड़ा तो भी मैं जाने के लिए तैयार हूं। लेकिन, गरीबों की जीवन भर की कमाई दिलाने के लिए हर प्रयास करूंगा।