जयपुर: (Right to health Bill) राजस्थान बना देश का पहला राज्य जहां प्रदेश के प्रत्येक नागरिक का स्वास्थ्य का अधिकार मिला है। बता दें कि प्रदेश के 8 करोड़ से ज्यादा लोगों को सरकारी और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार मिल गया है।
यह कानून लागू होने से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आमजन के लिए बहुत-सी दिक्कतें खत्म हो गई। सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज मिलने से प्रदेश के हर नागरिक को बड़ा फायदा मिलेगा। आइये विस्तार से जानते हैं यह कानून लागू होने के बाद आमजन को क्या-क्या फायदें होंगे।
‘राइट टू हेल्थ’ लागू होने के बाद फायदे
- प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति का हेल्थ इंश्योरेंस सरकार अपने स्तर पर करवाएगी।
- किसी भी तरह की महामारी के दौरान होने वाले रोगों के इलाज भी इस कानून के अंतर्गत शामिल हैं।
- आपातकाल की स्थिति में बिना किसी फीस या चार्ज के ही निजी अस्पताल तुरंत इलाज करेंगे। अगर प्राथमिक उपचार के बाद रैफर करना होगा तो एंबुलेंस भी उपलब्ध कराएंगे।
- कोई मेडिको-लीगल मामला है, तो हेल्थ केयर प्रोवाइ़डर पुलिस की एनओसी या पुलिस रिपोर्ट मिलने के आधार पर इलाज में देरी नहीं कर सकेंगे।
- सर्जरी, कीमोथैरेपी की पहले से ही सूचना देकर मरीज या उसके परिजनों से सहमति ली जाएगी।
- डॉक्टरों की ओर से दिए जा रहे इलाज की जानकारी मरीज और उसके परिजनों को जब चाहेंगे, तब मिलेगी।
- बिल के नियमों के तहत आउट डोर पेशेंट्स (OPD), इनडोर भर्ती पेशेंट्स, डॉक्टर को दिखाना और परामर्श, दवाइयां, डायग्नोसिस, इमरजेंसी ट्रांसपोर्टेशन यानी एम्बुलेंस सुविधा, प्रोसीजर और सर्विसेज, इमरजेंसी ट्रीटमेंट की सभी सुविधाएं मिलेंगी।
- किसी मरीज को गंभीर स्थिति में दूसरे हॉस्पीटल में रैफर करने की जिम्मेदारी अस्पताल की होगी।
- सरकारी अस्पतालों के साथ मरीजों को निजी हॉस्पीटल में भी आपातकालीन स्थिति में निशुल्क इलाज मिल सकेगा। यह सुविधा उन्हीं निजी अस्पतालों में मिलेंगी जो 50 बेड से ज्यादा की क्षमता वाले होंगे।
- इस बिल में मरीज और उनके परिजनों को लेकर भी कुछ कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं। चिकित्सा कर्मियों और डॉक्टरों के साथ मरीज या उनके परिजन दुर्व्यवहार नहीं कर सकेंगे। अप्राकृतिक मृत्यु के मामले में पोस्टमार्टम करने की अनुमति देनी होगी।
- हर तरह की सर्विस और फैसिलिटी की रेट और टैक्स के बारे में सूचना पाने का हक मिलेगा। हालांकि भुगतान चिरंजीवी योजना के तहत सरकार करेगी।
- निजी अस्पतालों की ओर से मरीज की बीमारी सार्वजनिक नहीं किया जा सकेगा। केवल मरीज और उनके परिजनों को ही जानकारी दी जा सकेगी।
- रोड एक्सीडेंट्स में फ्री ट्रांसपोर्टेशन, फ्री ट्रीटमेंट और फ्री इंश्योरेंस कवर इस्तेमाल होगा।
- इलाज के दौरान यदि मरीज की अस्पताल में मौत हो जाती है तो भुगतान के बहाने कोई भी अस्पताल अब डेड बॉडी को अस्पताल में नहीं रोक सकेंगे।
- किसी मेल वर्कर की ओर से महिला पेशेंट के फिजिकल टेस्ट के दौरान महिला की उपस्थिति जरूरी होगी।