इंडिया न्यूज,जयपुर : (Suhasini lioness brought from Jaipur to Kota, one day dose will surprise) देश में शेरों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रहा है, ऐसे में सरकार विलुप्त होते जा रहे जानवरों की प्रजाति को बचाने में लगी है। राजस्थान के कोटा शहर में लोगों को लंबे समय से बब्बर शेर की दहाड़ सुनाने को नही मिली थी, लेकिन अब यहां बब्बर शेर दहाडेगा और लोगों को इसका दीदार करने का भी मोका मिलेगा।
कर्नाटक की सुहासिनी शेरनी
जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में कर्नाटक की सुहासिनी शेरनी लाई गई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक जयपुर और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जयपुर के निर्देशन में बब्बर शेरनी सुहासिनी को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क शिफ्ट किया गया है। वन्यजीव उपवन संरक्षक सुनील गुप्ता के मुताबिक केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने एक मेल टाइगर, एक फीमेल टाइगर और एक फीमेल लायन को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क जयपुर से अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट करने के लिए से दी थी।
11 साल में कई जगह घूम चुकी है शेरनी
डॉक्टर विलासराव गुलहाने की देखरेख में एक टीम को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क भेजा गया था। टीम ने शेरनी सुहासिनी को अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया है। उन्होंने बताया कि सुहासिनी का 05 जनवरी 2012 को कर्नाटक के बैनरगट्टा जूलोजिकल पार्क बैंगलुरु में जन्म हुआ था। 2016 में उसे चार साल की होने के बाद में उसे नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट किया गया था। फिल्हाल यह शेरनी 11 साल की हो गई है। उन्होंने बताया कि शेरनी को कॉरोना गाइडलाइंस के नियमानुसार 21 दिन क्वारेंटाइन किया जाएगा। इस दौरान वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ विलासराव गुल्हाने नियमित रूप से उसका स्वास्थ्य का परीक्षण करेंगे। इसके बाद स्वीकृति मिलने के बाद पर्यटक उसे देख सकते हैं। वर्तमान में शेरनी का वजन 210 किलोग्राम है। उसको रोजाना खाने के लिए 8 किलो मटन और 4 किसो चिकन दिया जा रहा है।