जयपुर: (deposit of rare earth elements) राजस्थान के बाड़मेर, जालोर, पाली और उदयपुर के आसपास के क्षेत्रों में दुर्लभतम खनिज रेयर अर्थ एलिमेंट का भंडार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। शुरुआत की खोज में प्रदेश के इन क्षेत्रों में कार्बोनाइट, माइक्रोग्रेनाइट चट्टानों में बस्तनासाइट, ब्रिटेलाइट, सिंची साइट और जेनोटाइम रेयर अर्थ एलिमेंट्स का भंडार होने का पता चला है। सचिवालय में संदेश नायक (निदेशक माइंस) के साथ माइंस विभाग के फील्ड स्तर तक के बड़े अधिकारियों की वर्चुअली समीक्षा बैठक हुई। उन्होंने कहा कि हमें परंपरागत मिनरल्स की खोज और खनन के साथ ही नए क्षेत्रों में प्रवेश करना होगा।
इसके लिए आरएसएमईटी के वित्तीय सहयोग से एक्सप्लोरेशन कार्य को गति देनी होगी। बेहतर समन्वय और समग्र उपलब्धियों के लिए निदेशक संदेश नायक सहित अन्य अधिकारियों की तारीफ भी की गई। अतिरिक्त मुख्य सचिव (माइंस एवं पेट्रोलियम) डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि रेयर अर्थ एलिमेंट के निर्यात बाजार में चीन की मोनोपोली है। करीब 95 प्रतिशत रेयर अर्थ मैटेरियल की आपूर्ति चीन द्वारा की जा रही है, लेकिन यदि रेयर अर्थ एलिमेंट का एक्सप्लोरेशन और खनन आरंभ हो जाता है तो प्रदेश की तस्वीर तो बदलेगी ही साथ ही साथ चीन पर निर्भरता में भी कमी आएगी। इस मामले में भारत आत्मनिर्भर भी हो जाएगा।
खनिज विभाग के मुताबिक, रेयर अर्थ मैटेरियल एयरोस्पेस, लेजर, बैटरी, मैगनेट, न्यूक्लियर बैटरी, एक्स रे ट्यूब, सिरेमिक, हाई टेंप्रेचर बैटरी, फ्लोरोसेंट लैंप के साथ ही केंसर की दवा बनाने में काफी उपयोगी होते हैं। अब राजस्थान में रेयर अर्थ एलिमेंट के भंडार होने की प्रारंभिक जानकारी मिली है। जिससे एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
जालौर के सिवाना में माइक्रो ग्रेनाइट की चट्टानें मिली हैं, जिनमें दुर्लभतम जेनोटाइम रेयर अर्थ का भंडार है। बाड़मेर के कमठाई में 5 मिलियन टन रेयर अर्थ के भण्डार होने की संभावना है। पाली के पास ढाणी में ग्रेनाइट ब्लॉक और उदयपुर के पास निवाणियां गांव में कार्बोनाइट की चट्टानों में रेयर अर्थ के डिपोजिट हैं। विभाग की ओर से एक्सप्लोरेशन कार्य को तेज करने और सैंपल एनालिसिस का निर्देश दिया गया है।
रेयर अर्थ की गुणवत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिवाना रिंग काम्पलेक्स में भारत सरकार के एटोमिक एनर्जी डिपार्टमेंट ने 7 ब्लॉकों को एक्सप्लोरेशन के लिए रिजर्व कराया है। निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि विभाग द्वारा एक्सप्लोरेशन, माइनिंग ब्लॉक की तैयारी, ऑक्शन और खनन गतिविधियों के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए नया रिकॉर्ड बनाया है।
यहां तक कि रिवेन्यू संग्रहण और एमनेस्टी योजना का योजनाबद्ध क्रियान्वयन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया जा रहा है। समीक्षा बैठक में उपसचिव नीतू बारुपाल, अतिरिक्त निदेशक बीएस सोढ़ा, ओएसडी एमपी मीणा, अतिरिक्त निदेशक पेट्रोलियम अजय शर्मा, एसजी संजय गोस्वामी, टीए सतीश आर्य, डीएलआर गजेन्द्र सिंह ने हिस्सा लिया। हता दे कि समीक्षा बैठक में विभाग के फील्ड अधिकारियों ने वर्चुअली भाग लिया।