जयपुर: (Rajasthani Bride) राजस्थानी शादियां और यहां के रीति रिवाज सच में खास हैं। राजस्थानी शादियों में एक खास बात यह भी है कि दुल्हन हमेशा घूंघट में ही रहती है। लेकिन घूंघट में भी राजस्थान की दुल्हन बाकी देशो की दुल्हन से ज्यादा खूबसूरत लगती है। वजह है वो पोशाक और ज्वैलरी जो सिर्फ राजस्थान की दुल्हन पहनती है।
बता दे कि राजस्थान की दुल्हन जो जोड़ा पहनती है उसे पोशाक कहा जाता है। इस पोशाक में एक चोली, कुर्ती, लहंगा और चुनरी होती है। जिसे पहनने का तरीका भी खास होता है। पोशाक अलग अलग तरह की होती है। किसी में बूटी वर्क होता है तो किसी में स्टोन वर्क। अपनी अपनी हैसियत के मुताबिक सोने या चांदी के धागे से बनी पोशाक भी कई शादियों में दिख जाती है।
पोशाक के बाद सबसे जरूरी चीज है बोर या रखड़ी, माथे पर दुल्हन जो टीका पहनती है उसे बोर या रखड़ी कहा जाता है। ये रखड़ी थोड़ी बड़ी और गोल आकार में होती है। स्टोन वर्क या फिर मैटल की बनी बोर खासी पसंद की जाती है।
बोर सोने या चांदी की बनी ज्यादा प्रचलित है। बोर को जिस पट्टी से संभाला जाता है उसे माथा पट्टी कहते है, जिसे आजकल आम लोग भी पहनने लगे हैं। लेकिन ये माथापट्टी पहनने की शुरुआत राजस्थान से ही हुई है। यहां इसे शीष पट्टी भी कहा जाता है।
अब बारी आती है गले में पहने जाने वाली ज्वैलरी है। ‘आड़’ इसे गले में पहना जाता है। ये सोने का बना बड़ा का आड़, मोतियों की मोटी सी माला से संभाला जाता है। बेहत खूबसूरत ये आड़, दुल्हन के गले में होने अनिवार्य है। इसके बगैर राजस्थानी शादियों में दुल्हन अधूरी लगती है।
दूसरे राज्यों कि तरह राजस्थान में भी दुल्हन नथ पहनती है। लेकिन यहां नथ जड़ाऊ होती है और इसमें मोती से काम कर इसे और खूबसूरत बना दिया जाता है। नथ का साइज छोटा या बड़ा कुछ भी हो सकता है। जिसे चेन के साथ पहना जाता है।
राजस्थान में दुलहन हाथ में बाजूबंद या लूम पहने बेहद खूबसूरत दिखती है। जिसमें बड़े बड़े लूम लटके रहते है। बाजूबंद भी सोने का बना बड़ा आयताकार लोकेट जैसा दिखता है जो जड़ाऊ भी हो सकता है और अंत में कमरबंद जो राजस्थानी दुल्हन के लुक में चार चांद लगाने का काम करता है।