इंडिया न्यूज: (Kaniwada Hanuman Mandir Jalore) राजस्थान के मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। यहां कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जो अपने आप में अद्भुत हैं। जोधपुर संभाग के जालोर जिले में ऐसा ही एक मंदिर मौजूद है। यह मंदिर कानीवाड़ा हनुमानजी का है। यहां पर केवल दलित समाज के पुजारी ही हनुमानजी की पूजा करते हैं, केवल यही बात इस मंदिर को ओर मंदिरों से अलग नहीं बनाती है।
बल्कि हनुमानजी के इस भव्य प्राचीन मंदिर में छत भी नहीं है, यह बात भी अपने आप में अनोखी है। हर बात के पीछे कुछ ना कुछ मान्यताएं छुपी हुई हैं। मान्यता तो यह भी है कि यहां हनुमानजी की मूर्ति स्थापित नहीं की गई बल्कि वह प्रकट हुई थी।
लोगों की बात मानें तो जितनी बार भी मंदिर पर छत डालने की कोशिश की गई, उतनी बार छत गिर गई या फिर आंधियों में उड़ गई। इसीलिए जब नया मंदिर बनाया गया तो उसमें भी छत नहीं रखी गई। लोगों का तो यह भी मानना है कि यहां पहले जंगल था। उस जंगल में अगर चोर आते थे तो वह अंधे हो जाते थे।
कानीवाड़ा मंदिर की एक और खासियत यह भी है कि यहां 13 अखंड ज्योत जलती हैं। यह अखंड ज्योत कभी बंद नहीं होती। यहां लोग अपनी मनौती लेकर आते हैं, मनौती पूरी होने पर अपनी-अपनी अखंड ज्योत जलाते हैं। मंदिर के पुजारी के अनुसार यहां राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होना बाकी है, वह जल्द ही कराई जाएगी। इसके अलावा कानीवाड़ा गांव और आसपास के दूसरे गांवों में बहुत से लड़कों के नाम यहां भगवान हनुमान के नाम पर रखे जाते हैं, यहां के गांवों में हनुमान नाम के कई लोग हैं।