जयपुर(10th Union Budget of Rajasthan): केंद्रिय बजट के बाद पेश है राजस्थान का बजट जोकि पेश होगा 10 फरवरी को और जिसको अशोक गहलोत सरकार पेश करेगी। आपको बता दे कि यह अशोक गहलोत सरकार का 10वां बजट होगा। इसकी तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। सीएम अशोक गहलोत ने इस बार के बजट को बचत, राहत और बढ़त की थीम दी है।
मुख्यमंत्री गहलोत के आदेश पर प्रदेशभर में इस थीम का प्रचार भी किया जाएगा। बजट की थीम- बचत, राहत और बढ़त- रखकर सीएम ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। इन तीन शब्दों से साफ है कि मुख्यमंत्री चुनावी वर्ष के बजट के पीछे क्या सोच रखते हैं। वित्त विभाग ने बजट को करीब 15 दिन पहले ही पूरा कर लिया था। इसके बाद 15 दिन से सीएम गहलोत से हुई बातचीत में जो महत्वपूर्ण चीजें आई हैं, उन्हें भी बजट में जोड़ लिया गया है।
सीएम गहलोत ने विभाग के अफसरों को कहा है कि बजट की थीम के अनुसार आम लोगों के घर खर्च में बचत होनी चाहिए, उन्हें राहत मिलनी चाहिए और भविष्य के लिए रोजगार के साधन बढ़ने चाहिएं। हाल ही सीएम गहलोत ने कई मौकों पर सीधे-सीधे संकेत भी दिए हैं कि वे बजट की इस थीम के पीछे क्या-क्या करना चाहते हैं।
ऐसा राज्य के राजनीतिक इतिहास में पहला मौका है जब किसी सीएम ने ‘बजट से पहले बजट कैसा होगा और सरकार क्या चाहती है’ इसके बारे में पहले ही बहुत सी घोषणाएं कर दी हों। सूत्रों का कहना है कि चुनावी वर्ष है, इसलिए बहुत सी लोक-लुभावनी घोषणाएं तो संभव हैं ही, लेकिन सीएम लोगों के घर के बजट को संभालने-सुधारने पर फोकस कर रहे हैं।
सीएम गहलोत दसवीं बार बजट पेश करेंगे। आने वाला बजट करीब 2 लाख 65 हजार 500 करोड़ रुपए का हो सकता है। सीएम गहलोत ने मार्च-2022 में जो बजट पेश किया था, उसमें कुल राजस्व 2 लाख 14 हजार 977 करोड़ 23 लाख रुपए का था। इस राशि की तुलना में सरकार ने खर्चा तय किया था 2 लाख 38 हजार 465 करोड़ 79 लाख रुपए का। यह घाटा राजस्थान की कुल जीडीपी का लगभग 4 प्रतिशत रहा है।
सरकार ने करीब 23 हजार करोड़ रुपए सरकार ने उधार लिए थे, तब जाकर खर्चों को संभाल पाए थे। अब बजट के लिए सरकार ने जो योजनाएं बनाई हैं, उनके लिए लगभग 2 लाख 65 हजार 500 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने पिछले सप्ताह सभी राज्यों को रिपोर्ट भेजी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय प्रत्यक्ष करों में हिस्सेदारी के मामले में राजस्थान पूरे देश में पांचवें नम्बर पर है। बता दे कि ऐसा पहली बार हुआ है।
देश में 2020-21 में 9 लाख 47 हजार 176 करोड़ रुपए प्रत्यक्ष कर में मिले हैं। अब 2021-22 में यह राशि बढ़कर 14 लाख 12 हजार करोड़ रुपए हो गई है। इसमें आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, गुजरात व महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा हिस्सेदारी राजस्थान को मिलेगी। यह करीब 6.02 प्रतिशत होगी। राजस्थान सरकार ने पिछले वर्ष करीब 23 हजार करोड़ रुपए उधार लेकर जो घाटे का बजट बनाया था, वो चिंताजनक था। लेकिन इस बार राजस्थान ने अपने राजस्व में 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है।
कुल राजस्व में पिछली बार के 75510.92 करोड़ रुपए की तुलना में 85050.32 करोड़ रुपयों की वृद्धि हुई है। प्रदेश के टैक्स राजस्व में पिछली बार के 49,274.87 करोड़ रुपए की तुलना में 63556.49 करोड़ रुपए हासिल हुए हैं। देश में दूसरे नम्बर पर है वर्तमान में राजस्थान की विकास दर 11.04 प्रतिशत वार्षिक (2022) में रही है। यह पूरे देश में आंध्रप्रदेश के बाद दूसरे नम्बर पर है। प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद (इनकम) पिछले 3 साल में 3 लाख करोड़ रुपए बढ़ी है। इससे प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय (पर कैपिटा इनकम) में 26.81 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।