अलवर(News of setting up of weapons museum in Alwar city): राजस्थान के अलवर शहर से हथियारों का म्यूजियम बनने की खबर सामने आ रही है। अलवर संग्रहालय में अभी जगह कम है। इसी वजह से ऐतिहासिक अस्त्र – शस्त्रों को एक साथ प्रदर्शित करने के लिए अलवर के बाला किले पर अलग से शस्त्र संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है।
इस म्यूजियम में रियासतकालीन तोप समेत तमाम ऐतिहासिक हथियार देखने को मिलेगें। शस्त्रों को एक साथ प्रदर्शित करने के लिए अलवर के बाला किले पर अलग से शस्त्र संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है।
राजस्थान के अलवर शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार शहर के पहले शस्त्र संग्रहालय को शुरू करने की कवायद कर रहा है। इस संग्रहालय में पर्यटक राजा-महाराजाओं के ऐतिहासिक हथियारों का अवलोकन कर सकेंगे।
राज्य सरकार जल्द ही शहर के अरावली की पहाड़ियों पर स्थित प्राचीन बाला किले में यह संग्रहालय शुरु करने जा रही है। पुरात्तव एवं संग्रहालय विभाग ने शस्त्र संग्रहालय बनाने के लिए हरी झंड़ी दिखा दी है।
अलवर शहर के बाला किला में ऐतिहासिक अस्त्र-शस्त्रों का भंडार है। इनकी सुरक्षा फिल्हाल पुलिस विभाग कर रहा है। जंपद के कलेक्टर जीतेंद्र कुमार सोनी ने पिछले दिनों कला साहित्य एवं संस्कृति विभाग को पत्र भेजकर यहां हथियारों का म्यूजियम स्थापित कराने का आग्रह किया था।
पुरातत्व विभाग जयपुर मुख्यालय के अधिकारियों ने कहा कि बाला किला में रखे अस्त्र-शस्त्र को संरक्षित रखने के स्थान आदि के निरीक्षण की प्रक्रिया पूरी की जानी है। इसके बाद बाला किले पर शस्त्र संग्रहालय का स्वरूप तय किया जाएगा।
अलवर के ऐतिहासिक बाला किला में 52 ऐतिहासिक लोहे की तोपों सहित तमाम हथियार जैसे- तलवार, तमंचा, कैमल गन, टोपीदार बंदूक, आदि शामिल हैं। आपको बता दें कि अलवर संग्रहालय में अभी जगह कम है।
इस वजह से सभी 52 ऐतिहासिक लोहे की तोपों सहित तमाम हथियारों को अब वहां से नए शस्त्र संग्रहालय में रख दिया जाएगा।